Mokshada Ekadashi Puja: हिंदू धर्म में सभी त्योहारों और व्रतों का अपना खास महत्व है. हर त्योहार के मनाने के पीछे कुछ एक कहानी है. उन महत्वपूर्ण त्योहारों में एक त्योहार मोक्षदा एकादशी भी है. इस दिन को मनाने का खास तरीका व्रत है. हिंदू धर्म में सभी व्रतों का काफी महत्व होता है. खासकर कुछ दिनों पर व्रत करना बेहद शुभ माना जाता है.
मोक्षदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा करने से न केवल सभी पापों का नाश होता है, बल्कि आत्मिक शांति और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है. इस साल मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग 11 दिसंबर को उपवास रखेंगे.
पंचांग के मुताबिक मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3:42 बजे शुरु होगा. वहीं इसकी समाप्ति 12 दिसंबर देर रात 1:09 बजे होगी. व्रत करने वाले लोगों के लिए पारण का समय 12 दिसंबर सुबह 7:05 बजे से 9:09 बजे तक बताया गया है. इस बार मोक्षदा एकादशी पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं. जो पूजा का महत्व और भी बढ़ा देते हैं.
हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग में की गई पूजा कई गुना फलदायी होती है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है.
1. भद्रावास योग
प्रारंभ: 11 दिसंबर 2024, दोपहर 2:27 बजे
समाप्ति: 12 दिसंबर 2024, देर रात 1:09 बजे
इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
2. रवि योग
प्रारंभ: 11 दिसंबर 2024, सुबह 7:04 बजे
समाप्ति: सुबह 11:48 बजे
रवि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
3. वरीयान योग
समाप्ति: 11 दिसंबर 2024, सुबह 6:48 बजे
यह योग पूजा में विशेष फल प्रदान करता है.
4. रेवती और अश्विनी नक्षत्र
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर यह संयोग भी अत्यंत शुभ माना जाता है.