मोक्षदा एकादशी के दिन इस समय बन रहा खास संयोग, जानें व्रत के बाद पारण करने का मुहूर्त

मोक्षदा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म के सबसे पवित्र व्रतों में एक माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है सही समय पर विधि-विधान से पूजा करने से आपके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही धन-धान की प्राप्ति होती है

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Mokshada Ekadashi Puja: हिंदू धर्म में सभी त्योहारों और व्रतों का अपना खास महत्व है. हर त्योहार के मनाने के पीछे कुछ एक कहानी है. उन महत्वपूर्ण त्योहारों में एक त्योहार मोक्षदा एकादशी भी है. इस दिन को मनाने का खास तरीका व्रत है. हिंदू धर्म में सभी व्रतों का काफी महत्व होता है. खासकर कुछ दिनों पर व्रत करना बेहद शुभ माना जाता है. 

मोक्षदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा करने से न केवल सभी पापों का नाश होता है, बल्कि आत्मिक शांति और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है. इस साल मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग 11 दिसंबर को उपवास रखेंगे.

पारण करने का शुभ समय 

पंचांग के मुताबिक मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3:42 बजे  शुरु होगा. वहीं इसकी समाप्ति 12 दिसंबर देर रात 1:09 बजे  होगी. व्रत करने वाले लोगों के लिए पारण का समय 12 दिसंबर सुबह 7:05 बजे से 9:09 बजे तक  बताया गया है. इस बार मोक्षदा एकादशी पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं. जो पूजा का महत्व और भी बढ़ा देते हैं.

विशेष संयोग में करें पूजा

हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग में की गई पूजा कई गुना फलदायी होती है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है.  

1. भद्रावास योग
   प्रारंभ: 11 दिसंबर 2024, दोपहर 2:27 बजे  
   समाप्ति: 12 दिसंबर 2024, देर रात 1:09 बजे  
   इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.  

2. रवि योग 
   प्रारंभ: 11 दिसंबर 2024, सुबह 7:04 बजे  
   समाप्ति: सुबह 11:48 बजे  
   रवि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.  

3. वरीयान योग
   समाप्ति: 11 दिसंबर 2024, सुबह 6:48 बजे  
   यह योग पूजा में विशेष फल प्रदान करता है.  

4. रेवती और अश्विनी नक्षत्र  
   मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर यह संयोग भी अत्यंत शुभ माना जाता है.  

पूजा करने की विधि  

  • स्नान और तैयारी:  प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर सजाएं.  
  • भगवान विष्णु की स्थापना:  एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
  •  पूजन सामग्री:  फूल, दीपक, फल, और जल भगवान विष्णु को अर्पित करें.  
  • मंत्र जाप:   विष्णु सहस्रनाम का जाप करें और मोक्षदा एकादशी की कथा सुनें.  
  • भोग और प्रसाद:  भगवान को प्रिय भोग अर्पित करें और बाद में प्रसाद वितरित करें.  
Tags :