Chandra Grahan 2023: आज आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतक का समय और असर

Chandra Grahan 2023: आज साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. वहीं चंद्र ग्रहण को एक भौगोलिक घटना कहा जाता है. किन्तु ज्योतिष शास्त्र में इस घटना को अशुभ माना गया है. जबकि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक पूर्णिमा की रात जब राहु व केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तो चंद्रमा […]

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Chandra Grahan 2023: आज साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. वहीं चंद्र ग्रहण को एक भौगोलिक घटना कहा जाता है. किन्तु ज्योतिष शास्त्र में इस घटना को अशुभ माना गया है. जबकि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक पूर्णिमा की रात जब राहु व केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तो चंद्रमा पर ग्रहण लगता है. साथ ही चंद्र ग्रहण से कुछ ही घंटे पूर्व सूतक काल की शुरूआत हो जाती है. इतना ही नहीं सूतक काल को अच्छा टाइम नहीं माना जाता है.

चंद्र ग्रहण का समय

बता दें कि पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर को रात में 1:06 बजे से शुरू होकर देर रात 02: 22 मिनट पर इसकी समाप्ति हो जाएगी.जबकि कुल मिलाकर 1 घंटे एवं 16 मिनट का चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इसके साथ ही उपच्छाया से पहला चंद्र स्पर्श रात 11बजकर 32 मिनट पर है. जिसका सूतक शाम 04 बजकर 06 मिनट पर स्टार्ट हो जाएगा.

पूर्ण व आंशिक पर चर्चा

बता दें कि जब सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी अपूर्ण रूप से दिखाई देते हैं तो, इसको आंशिक ग्रहण कहा जाता है. जिसका मतलब ये है कि, चंद्रमा का सिर्फ एक भाग पृथ्वी की उपच्छाया से होकर गुजरने वाला है. जबकि आंशिक ग्रहण के दरमियान चंद्रमा पर एक छाया उस समय तक बढ़ती रहती है जब तक कि ये चरम पर नहीं पहुंचता है. वहीं पूर्ण चंद्र ग्रहण के हालात में ग्रहण के दरमियान सूर्य, पृथ्वी व चंद्रमा एक बिंदु पर उपस्थित होते हैं. जो कि एक आंशिक ग्रहण के मुताबिक ही इसकी शुरूआत होती है. परन्तु अपने चरम पर पृथ्वी की जो छाया है, वह पूरे चंद्रमा को छिपा देती है.

ज्योतिषाचार्य का कथन

ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी का कहना है कि, इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर आपको सचेत रहने की जरूरत है. इसलिए कि इस बार शरद पूर्णिमा पर शाम 4 बजे सूतक लगने वाला है. इस हालात में चंद्रग्रहण तक खीर बनाना निषेध माना जाएगा. वहीं आप खीर बनाने के लिए गाय के दूध में सूतक काल की शुरूआत होने पूर्व कुशा डाल कर रख दें. जिसके बाद उसे ढक दें. ऐसा करने से सूतक काल के समय दूध शुद्ध रहता है. इसके उपरांत आप इसकी खीर बनाकर भोग लगा सकते हैं.