माथे पर तिलक क्यों लगाते हैं जानिए वैज्ञानिक कारण

एक समय था जब भारतवर्ष में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति तिलक लगाया करता था। हालांकि आज भी धार्मिक मान्यताओ से जुड़ा हुआ व्यक्ति माथे पर तिलक धारण करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माथे पर तिलक लगाने का कारण क्या है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सिर्फ पुरानी परंपरा मानकर आप तिलक लगा […]

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एक समय था जब भारतवर्ष में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति तिलक लगाया करता था। हालांकि आज भी धार्मिक मान्यताओ से जुड़ा हुआ व्यक्ति माथे पर तिलक धारण करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माथे पर तिलक लगाने का कारण क्या है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सिर्फ पुरानी परंपरा मानकर आप तिलक लगा रहे हो या फिर तिलक लगाना छोड़ चुके हों। आइये जानते हैं तिलक लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण…

ये युग विज्ञान का युग है और आज के युवा उन्हीं मान्यताओं को मानते हैं जिन्हें वैज्ञानिक मान्यता मिली हो। तिलक लगाने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र में लगाया जाता है। हमारे शरीर में सात ज्ञानद्वारा होते हैं और मस्तिष्क के केंद्र में आज्ञाचक्र ज्ञानद्वारा होता है इसे गुरुचक्र भी कहते हैं। यह मानव शरीर का केंद्र है। इससे एकाग्रता और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस केंद्र पर तिलक लगाने से दिमाग ठंडा रहता है और शांति का अनुभव होता है।

माथे पर चंदन रोली कुमकुम भस्म इत्यादि का तिलक किया जाता है। हिंदू धर्म में तिलक लगाने के अनेकों तरीके हैं। अलग-अलग भगवान को मानने वाले भक्त अलग-अलग प्रकार से तिलक धारण करते हैं। अलग-अलग उंगलियों से मस्तक पर तिलक लगाया जाता है और उसके अलग-अलग परिणाम होते हैं।

तिलक लगाने से स्वभाव में सुधार आता है और सात्विक प्रभाव बढ़ता है। तिलक खास प्रयोजन के लिए भी लगाये जाते है जैसे यदि मोक्ष प्राप्त करनी हो तो तिलक अंगूठे से, शत्रु नाश करना हो तो तर्जनी से, धन प्राप्ति हेतु माध्यमा से तथा शांति प्राप्ति हेतु अनामिका से तिलक किया जाता है। आप अपने पुरोहित या किसी भी विद्वान से तिलक लगाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।