कार्तिक माह का आज अंतिम प्रदोष, भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाने से मिलेगा लाभ, नोट कर लें पूजा का मुहूर्त

आज प्रदोष पूजा किया जाएगा. जिसेक लिए शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक शुभ समय शाम 5:28 बजे से लेकर 8:07 बजे तक तय किया गया है. पूजा के लिए कुल 2 घंटे 39 मिनट का मिलने वाला है.

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Courtesy: Social Media

Last Pradosh of Kartik Month: भगवान शिव के भक्त हर महिने प्रदोष व्रत का पालन करते हैं. यह व्रत माह के दोनों त्रयोदशी तिथियों पर की जाती है. जिसमें विशेष रुप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. आज 13 नवंबर को विशेष रूप से बुध प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इस दिन व्रत और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.

इस मुहूर्त में करें पूजा 

आज प्रदोष पूजा किया जाएगा. जिसेक लिए शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक शुभ समय शाम 5:28 बजे से लेकर 8:07 बजे तक तय किया गया है. पूजा के लिए कुल 2 घंटे 39 मिनट का मिलने वाला है. जिसमें भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. मान्यता के अनुसार त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत करने से विशेष लाभ मिलता है.

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही यह व्रत आपके घर में सुख और समृद्धि लाता है. विशेष रूप से बुध ग्रह की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए यह व्रत अत्यंत प्रभावी माना जाता है. यह व्रत शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि के लिए भी किया जाता है. 

विशेष साम्रगियों की जरुरत

इस पूजा को करने के लिए कुछ विशेष साम्रगियों की जरुरत होती है. जिसमें चंदन, अक्षत, फल और फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, कपूर, दीपक औक गुलाल प्रमुख है. इन साम्रगियों को इक्ट्ठा कर के आप आज शाम किसी शिवालय जाकर विधि के साथ पूजा करें. इस दिन प्रदोष कथा को जरुर पढ़े या भी सुने. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस पूजा को करने की कुछ खास विधि भी निर्धारित की गई है. उस विधि में पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. 

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

-प्रदोष व्रत के दिन सबसे पहले प्रातः जल्दी उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें.

-पूजा स्थल को साफ करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें और दीपक जलाएं.

-फिर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेशजी की विधिपूर्वक पूजा करें. 

-इसके बाद, संध्या में पुनः स्नान करें और शिव मंदिर जाकर या घर पर शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, फल, फूल, भांग और चंदन अर्पित करें.

-इस दौरान शिवजी के मंत्रों का जाप करें और अंत में शिवजी की आरती करें.

-पूजा के अंत में किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

-प्रदोष कथा पढ़ना और सुनना आपके लिए अधिक लाभकारी होगा.

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