Maa Brahmacharini: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की जानें विशेष पूजा विधि

Maa Brahmacharini: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने से भक्तों को सिद्धि प्राप्त होती है. मां अपने भक्तों को सदाचार, त्याग,वैराग्य, तप का अशिर्वाद देती है. कहा जाता है कि मां दुर्गा की पूजा से नवग्रह शांत होते हैं. वहीं मां […]

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Maa Brahmacharini: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने से भक्तों को सिद्धि प्राप्त होती है. मां अपने भक्तों को सदाचार, त्याग,वैराग्य, तप का अशिर्वाद देती है. कहा जाता है कि मां दुर्गा की पूजा से नवग्रह शांत होते हैं. वहीं मां ब्रह्मचारिणी का संबंध चंद्रमा से है. जिसकी पूजा करने से चंद्र दोष खत्म होता है. हम आपको बताते हैं मां की पूजा, विधि, भोग कथा के बारे में.

मां ब्रह्मचारिणी पूजा मुहूर्त

1- मां ब्रह्मचारिणी के पूजा का शुभ समय सुबह 12 बजकर 32 मिनट पर है.

मां ब्रह्मचारिणी की कथा

पुरानी कहावत है कि, इस अवतार में माता एक महान सती थी. वहीं इस युग में मां भगवान भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए महर्षि नारद के कहे अनुसार कठोर तपस्या की थी. दरअसल इस दिन मां के अविवाहित रूप की अराधना की जाती है. नवरात्र के दूसरे दिन आप सफेद एवं लाल रंग के कपड़े पहनें. मां को सफेद रंग का कमल अर्पित करें. इसके बाद आप मां के मंत्रों का जाप करें एवं माता की कथा पढ़ें, उसके बाद अंत में आरती करके भोग लगाएं.

राजा हिमालय की पुत्री

नव शक्तियों में इनका दूसरा रूप देवी ब्रह्मचारिणी के बारे में कहा जाता है कि, पूर्व जन्म में राजा हिमालय के घर मैना के गर्भ से इनका जन्म हुआ था. मां ब्रम्हचारिणी शिव को पति के रूप में हासिल करने के लिए हजारों वर्ष तक वृक्षों से गिरे सूखे पत्तों को खाकर, पानी में बैठ कर, पेड़ों से लटक कर कठोर तपस्या की थी, जिसकी सलाह उन्हें देवर्षि नारद ने दिया था. जबकि मां के इस रूप की अराधना करने से तप, स्मरण, शक्ति की प्राप्ति होती है.