Maa Skandmata: नवरात्र के 5वें दिन स्कंदमाता की होती है अराधना, संतान सुख देती हैं मां जननी

Maa Skandmata: शारदीय नवरात्र की खुशी चारों तरफ देखने को मिल रही है. वहीं आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि सच्चे मन से मां की अराधना करने से भक्तों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. इसके साथ ही मां निसंतान को संतान सुख देती हैं. मां […]

Date Updated
फॉलो करें:

Maa Skandmata: शारदीय नवरात्र की खुशी चारों तरफ देखने को मिल रही है. वहीं आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि सच्चे मन से मां की अराधना करने से भक्तों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. इसके साथ ही मां निसंतान को संतान सुख देती हैं. मां का स्वरूप काफी शांत और कोमल है, इनकी आंखों की तेज से इतनी प्यारी है कि, हर भक्त मां के समक्ष मंत्र मुग्ध हो जाता है.

मां स्कंदमाता की पूजा

अगर किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो, वह इस दिन मां की दिल से अराधना करें, मां को लाल फूल, चंदन, अक्षत, चुनरी चढ़ा कर उनके सामने आरती करें. साथ ही साथ दुर्गा चलीसा का पाठ करने से मां प्रसन्न होती है और आपके जीवन की कठिनाइयों को दूर करती हैं.

संतान की प्राप्ति की पूजा

मां की पूजा के लिए प्रात: उठकर स्नान करने के उपरांत हरे रंग के वस्त्र धारण करें,उसके बाद हरी साड़ी, हरी चूड़ी, सिंदूर, रौली, मेहंदी, अक्षत अर्पित करके चुनरी में नारियल रखकर नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा. ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी” इस मंत्र का उच्चारण 108 बार करें. अब आप नारियल को बांधकर अपने सिरहाने रख लें तब तक के लिए जब तक की आप गर्भवती नहीं हो जाती हैं. कहा जाता है कि, ऐसा करने से सूनी गोद जल्द हरी-भरी होती है.

मां स्कंदमाता स्तोत्र

वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्.

सिंहारूढाचतुर्भुजास्कन्धमातायशस्वनीम्.

धवलवर्णाविशुद्ध चक्रस्थितांपंचम दुर्गा त्रिनेत्राम.

अभय पदमयुग्म करांदक्षिण उरूपुत्रधरामभजेम्.

पटाम्बरपरिधानाकृदुहज्ञसयानानालंकारभूषिताम्.

मंजीर हार केयूर किंकिणिरत्नकुण्डलधारिणीम.

प्रभुल्लवंदनापल्लवाधरांकांत कपोलांपीन पयोधराम्.

कमनीयांलावण्यांजारूत्रिवलींनितम्बनीम्.