Navratri: शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की उपासना, जानें पूजन विधि

Navratri: आज शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है, इस दिन मां महागौरी की अराधना की जाती है. मां जगत जननी के आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी कहा जाता है. मां का रंग अत्यंत गौर वर्ण है जिसकी वजह से इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि, अपनी कठिन […]

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Navratri: आज शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है, इस दिन मां महागौरी की अराधना की जाती है. मां जगत जननी के आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी कहा जाता है. मां का रंग अत्यंत गौर वर्ण है जिसकी वजह से इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि, अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण हासिल किया था. उस समय से अब तक इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक, सांसारिक ताप का हरण करने वाली मां महागौरी कहके पुकारा जाता है.

अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त

आश्विन माहीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की पूजा बीती रात से शुरू होकर आज यानि 22 अक्तूबर की शाम 7: 58 मिनट तक की जाएगी. वहीं उदया तिथि के मुताबिक महाष्टमी आज मनाई जा रही है, इसके अतिरिक्त इस दिन धृति योग संग सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है. ये सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6:30 मिनट से शाम 6:44 मिनट तक रहने वाला है. जबकि अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का महत्व होता है.

मां महागौरी की पूजा फलदायक

देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सारे ग्रहदोष दूर हो जाते हैं. मां महागौरी का ध्यान-स्मरण, पूजन-आराधना से दांपत्य सुख, व्यापार, धन, सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. मनुष्य को सदैव इनका ध्यान करते रहना चाहिए, इनकी कृपा से आलौकिक सिद्धियां हासिल होती है. ये भक्तों के दुख जल्दी ही दूर करने वाली है. इसके साथ ही इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव होते हैं. मां मनुष्य की वृतियों को सत्य की तरफ प्रेरित करके असत्य का विनाश करती हैं. मां भक्तों के लिए अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं, इसलिए अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन का नियम है. मां महागौरी धन, वैभव, अन्न-धन एवं सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी कही जाती हैं.

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