Purushottam Maas: अगर आप सनातन वैदिक धर्म के बारे में थोड़ा भी जानते हैं तो आपने मलमास या अधिकमास के बारे में जरूर सुना होगा. इस बारे ये अधिकमास सावन के महीने के महीने के साथ लग रहा है. क्या आप जानते हैं कि इस अधिकमास या चातुर्मास को पुरुषोत्तम मास क्यों कहते है.
उल्लेख मिलता है कि इस महीने का अपना कोई स्वामी नहीं है. इसलिए देव- पितर आदि की पूजा और मंगल कार्यों के लिए यह महीना त्याज्य माना जाता था, लेकिन निन्दित माने जाने वाले इस महीने की व्यथा देखकर भगवान पुरुषोत्तम ने स्वयं इसे अपना नाम देकर कहा है कि अब मैं इस महीने का स्वामी हो गया हूं.
अहमेते यथा लोके प्रथितः पुरुषोत्तमः। तथायमपि लोकेषु प्रथितः पुरुषोत्तमः।।
जिस प्रकार मैं इस लोक में ‘पुरुषोत्तम’ नाम से विख्यात हूं, उसी प्रकार यह मलमास भी इस लोक में ‘पुरुषोत्तम’ नाम से प्रसिद्ध होगा. यह महीना बाकी सब महीनों का अधिकारी होगा और इसे सम्पूर्ण विश्व में पवित्र माना जाएगा.
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