Rameshwaram Temple: सावन मास में  शुभ होता है रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन, कुंड में नहाने से दूर होते है शारीरिक रोग

Rameshwaram Temple: भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम में है. जो हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है. रामेश्वरम हिंदुओं के चार धामों में से एक तीर्थ स्थान है. यह मंदिर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है जो खूबसूरत आईलैंड पर बसा है. इस मंदिर का आकार खूबसूरत […]

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Rameshwaram Temple: भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम में है. जो हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है. रामेश्वरम हिंदुओं के चार धामों में से एक तीर्थ स्थान है. यह मंदिर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है जो खूबसूरत आईलैंड पर बसा है. इस मंदिर का आकार खूबसूरत शंख की तरह दिखाई देता है.

पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि, रामेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग का निर्माण माता सीता ने अपने हाथों से किया था और इसकी स्थापना भी की थी. इस मंदिर में हर साल श्रद्धालुओं की भारी मात्रा में भीड़ देखने को मिलती है.

सावन माह में हर साल यहां भक्तों की भीड़ ज्यादा उमड़ती है. यहां पर एक और प्रसिद्ध मंदिर है जिसका नाम रामनाथस्वामी मंदिर है यह मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए उत्तराखंड से गंगाजल लाया जाता है और इसी गंगाजल से अभिषेक किया जाता है.

कुंड में स्नान करने से धुल जाते हैं पाप-

रामनाथ स्वामी मंदिर की मान्यता है कि यहां स्थित अग्नि तीर्थम में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं.  इस तीर्थम से निकलने वाला पानी को बेहद चमत्कारी माना जाता है. इस पानी में डुबकी लगाने से सारे दुख कष्ट रोग दूर हो जाते हैं.  इस मंदिर परिसर के अंदर 22 कुंड है जिसमें श्रद्धालु पहले स्नान करते हैं उसके बाद शिवलिंग दर्शन करने जाते हैं.

कैसे हुई थी रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना-

पौराणिक कथा के अनुसार, रावण पंडित था यानि कि वो ब्राह्मण कुल से था. ऐसे में भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था इसलिए उन्हें ब्रह्मा हत्या का पाप लगा था. इस पाप का पश्चाताप करने के लिए ऋषियों ने भगवान राम को शिवलिंग स्थापित करके अभिषेक करने की सलाह दी. ऋषियों की आज्ञा मानकर भगवान राम दक्षिणी तट पर रेत से शिवलिंग बनाकर उसका जलाभिषेक किया था.