Sawan Somvar: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और ऐसे में कई लोग व्रत रहते हैं. व्रत रहते हुए अपने आराध्य का पूजन करने के अलावा भी बहुत से ऐसे दैनिक नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है. आजकल व्रत का अर्थ ढेर सारा फलाहारी खाना और सजना-धजना, आराम करना मान लिया गया है जबकि शास्त्र में व्रत संबंधी नियम बताए गए हैं.
आइए आपको बताते हैं कि व्रत के नियमों को लेकर शास्त्र क्या कहते हैं. क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी न करना आदि नियमों को अनिवार्य रूप मानना चाहिए. आपको अनेक बार पानी पीने से, पान खाने से, दिन में सोने से, मैथुन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उपवास दूषित हो जाता है.
व्रत करने वाले मनुष्य को अपनी दिनचर्या को शुद्ध रखना चाहिए. उसे कांसे का बर्तन, मधु व पराए अन्न का त्याग करना चाहिए तथा व्रती को कीमती वस्त्र, अलंकार, सुगंधित वस्तुएं, इत्र आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए लेकिन स्वच्छ रहने को निषेध नहीं कहा गया है.
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