Shardiya Navratri: आज शारदीय नवरात्र के नौवें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की अराधना, कन्या पूजन है विशेष

Shardiya Navratri: आज शारदीय नवरात्र का नौवां दिन है, जिसके साथ ही नवरात्रि का त्योहार समाप्त होने वाला है. वहीं अगले दिन यानि 23 अक्टूबर को नवरात्रि का आखिरी दिन होगा. जिसे विजय दशमी कहा जाता है, इस दिन रावण का दहन करके ही नवरात्रि की समाप्ति कर दी जाती है. बता दें कि नौवें […]

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Shardiya Navratri: आज शारदीय नवरात्र का नौवां दिन है, जिसके साथ ही नवरात्रि का त्योहार समाप्त होने वाला है. वहीं अगले दिन यानि 23 अक्टूबर को नवरात्रि का आखिरी दिन होगा. जिसे विजय दशमी कहा जाता है, इस दिन रावण का दहन करके ही नवरात्रि की समाप्ति कर दी जाती है. बता दें कि नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की विशेष अराधना की जाती है. इसके साथ ही कन्या पूजन करने की विशेष परंपरा है.

मां सिद्धिदात्री की पूजा

वहीं नवरात्र के इस पावन दिन पर मां की विशेष पूजा करने के साथ ही साथ हवन एवं कन्या पूजन करने की परंपरा है. जिसके बाद नौ दिन तक मां का व्रत करने वाले भक्त व्रत का पारण करते हैं. वहीं धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है कि, पूरे विधि विधान से मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को अपार फल की प्राप्ति होती है. घर परिवार की सुख समृद्धि के लिए महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की आरती करें, भोग लागएं, मां के मंत्र का उच्चारण करें. इसके साथ ही शादी शुदा महिलाएं मां को सोलह श्रृंगार के साथ गोदभराई करें.

मां सिद्धिदात्री का भोग

नवरात्र के महानवमी पर मां सिद्धिदात्री को नारियल, पंचामृत, पुआ, खीर, हलवा-पुरी, चना, खिचड़ी और पांच प्रकार के फल का भोग लगाएं. ऐसा कहा जाता है कि, इन समाग्रियों के भोग से मां ममतामयी, करूणामयी, जगतजननी, महाशक्ति, दुर्गा, काली, असुरों का संहार करने वाली मां अति प्रसन्न होती हैं. और भक्तों का कल्याण करती हैं.

कन्या पूजन की विशेषता

बता दें कि महानवमी के पूजन के साथ ही नवरात्रि का पावन त्योहार समाप्त हो जाता है. इस विशेष दिन पूरे विधि-विधान से मां सिद्धिदात्री की अराधना के साथ हवन करने के उपरांत कन्या पूजन करने की परंपरा है. इसके बाद नवरात्रि के दसवें दिन विजय दशमी और दशहरा मनाया जाता है. इसके बावजूद रावण दहन करके असत्य पर सत्य की जीत का परचम लहराया जाता है.