Surya Dev: हिंदू धर्म में सूर्य देवता को प्रकाश और उर्जा का स्त्रोत माना जाता है. सूर्य देव से ही संसार में प्रकाश है. इसके अलावा सूर्य देव को स्वास्थ्य, पिता और आत्मा का कारक भी माना गया है. माना जाता है कि, सूर्य देव को जल चढ़ाने और पूजा करने से शरिरिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
धर्म शास्त्र के अनुसार बताया गया है कि, जो भी व्यक्ति रोज नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करता है और जल चढ़ाता है उसे पुण्य की प्राप्त होती है. सभी व्यक्ति को इस नियम का पालन करना चाहिए. तो आइए जानते है सूर्य देव की पूजा कब और कितनी बार करना चाहिए.
कब और कितना बार चढ़ाए सूर्य देव को जल-
सूर्य देव को हमेशा उगते हुए जल चढ़ाए. संध्या में केवल बिहार का महापर्व छठ में ही अर्घ्य दिया जाता है. सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए सुबह जल्द उठकर स्नान आदि कर लें. उसके बाद तांबे के कलश में गंगाजल और पानी मिलाकर उसमें हल्दी, कुमकुम, अक्षत, मिसरी आदी रखकर तीन बार सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए. पहले एक बार जल चढ़ाकर परिकर्मा करें फिर दूसरी बार भी जल चढा़ कर परिकर्मा करें और तीसरी बार भी इसी तरह करके धरती को स्पर्श कर प्रणाम करें. यानी कि, सूर्य देव को बारी बारी तान बार जल चढ़ाकर परिकर्मा करें.
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय इन मंत्रों का करें उच्चारण-
ऊँ घ्राणी सूर्याय नम:
ऊँ आरोग्य प्रदायकाय सूर्याय नम:
ऊँ ब्रह्म स्वरुपिणे सूर्य नारायणे नम:
ऊँ आदित्य नम:
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