Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र के मुताबिक दिशा और ऊर्जा का संतुलन जीवन की समृद्धि और शांति के लिए काफी महत्वपूर्ण है. घर की संरचना और फर्नीचर की सही व्यवस्था से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है विशेषज्ञों द्वारा घर में फर्नीचर और अन्य वास्तु नियमों के बारे में बताए गए हैं. जिसका ध्यान रखना बेहद जरुरी है.
हर चीज का अपना महत्व होता है. सबकुछ अपने स्थान पर ही बेहतर होता है. इसलिए घर पर रखी चीजों की भी अपनी एक व्यवस्था है. घर में उसी मुताबिक सामान रखना चाहिए. जिससे आपके घर में सुख-धन का आगमन होता है. आज हम आपको कुछ उपाय बताएंगे. जिसके बारे में जानना बेहद जरुरी है.
घर का मुख्य द्वार का वास्तु शास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. यह ऊर्जा के प्रवेश का मार्ग होता है और यहां की व्यवस्थाएं घर में सुख-शांति और समृद्धि को प्रभावित करती हैं. मुख्य द्वार पर शुभ चिन्ह (स्वस्तिक, ओम) और रंगोली बनाएं. इससे आपके घर में पॉजिटिविटी बनी रहेगी. नकारात्मक चीजें जैसे पुराने जूते, फटे कपड़े या कूड़ा-कचरा घर के मुख्य द्वार के पास न रखें. अगर मुख्य द्वार उत्तर या दक्षिण दिशा में है, तो गणपति जी की मूर्ति लगाना शुभ होता है. पूर्व और पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार के पास गणपति जी की मूर्ति लगाने से बचें.
पूर्व दिशा को सूर्य उदय की दिशा भी कहा जाता है. इस दिशा से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.मुख्य द्वार और खिड़कियां इस दिशा में रखना शुभ होता है. घर के पश्चिम दिशा में रसोईघर और शौचालय बनवाना शुभ माना जाता है. हालांकि यह ध्यान रखें कि रसोई और शौचालय पास-पास न हों. उत्तर दिशा में घर की खिड़कियां और दरवाजे होने चाहिए. वॉश बेसिन और बालकनी के लिए भी यह दिशा उपयुक्त मानी जाती है. घर के आंगन को घर की ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. आंगन में तुलसी, नीम, अनार, और आंवले के पौधे लगाना शुभ होता है. यहां सकारात्मक ऊर्जा वाले फूल घर के वातावरण को शांत और प्रेरक बनाते हैं. अगर घर में वास्तु दोष हो, तो परेशानियां और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इससे बचने के लिए नियमित रूप से मुख्य द्वार और घर की सफाई करें. और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेकर आवश्यक बदलाव करें.