Choti Diwali: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में यह दूसरे दिन को मनाया जाता है. इस दिन एक सबसे खास पूजा की जाती है. लोग इस दिन मृत्यु के देवता कहे जाने वाले यम की पूजा करते है. माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से परिवार में किसी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है. साथ ही यम देवता की पूजा करने से नरक से छुटकारा मिलता है.
छोटी दिवाली के मौके पर आधी रात के समय में एक खास दीपक जलाया जाता है. जिसे यम दीपक कहा जाता है. इस दीपक को घर का कोई एक सदस्य सबकी नजरों से बचाकर जलाता है और पूरे घर में दिखा कर बाहर निकाल देता है. कोशिश की जाती है कि इस दीपक पर किसी की नजर ना पड़े.
पूजा करने का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक आज छोटी दिवाली के दिन पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा. वहीं इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 11 मिनट पर होगा. हालांकि इसके शुभ मुहूर्त की बात करें तो शाम 4 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 15 मिनट तक पूजा करना शुभ रहेगा.
छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी के मनाने के पीछे कुछ पौराणिक कथाएं भी है. यह कहानी है भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर नाम के राक्षस की. इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था. आज के दिन ही उन्होंने नरकासुर राक्षस के कैद से हजारों लोगों को मुक्त किय था. मान्यता है कि इस दिन सुबह के समय तिल का तेल लगा कर स्नान करने से आपके भाग्य बदलते हैं. छोटी दिवाली के दिन मंदिरों में दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
बुराई पर अच्छाई की जीत
छोटी दिवाली का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान ने जिस तरीके से राक्षस नरकासुर का वध किया था, उसी तरह इस दिन पूजा करने से आप भी अपने अंदर की बुराईयों को खत्म करने का संकल्प ले सकते हैं. इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है. घरो पर सेलिब्रेशन भी आज से शुरू हो जाता है. बच्चे पटाखे जलाते हैं, वहीं घर के बड़े लोग रिश्तेदारों और अपने दोस्तों के साथ समय बिताकर दिन का आनंद लेते हैं. सभी लोग एक दूसरे की सफलता की कामना करते हैं.