Kharmas: खरमास हिंदू धर्म में एक विशेष अवधि है जो सूर्य के राशि परिवर्तन से जुड़ी होती है. यह समय लगभग एक महीने तक चलता है और इस दौरान विशेष रूप से कुछ कार्यों से परहेज किया जाता है. खरमास वह समय होता है जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में विचरण करते हैं.इस समय को हिंदू धर्म में विशेष माना जाता है क्योंकि इस दौरान सूर्य का प्रभाव कुछ कम होता है. ऐसे में शुभ कार्यों को टालने की परंपरा है.
पंचांग के अनुसार, खरमास का आरंभ तब होता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है. 2024 का दूसरा खरमास 15 दिसंबर 2024 को रात 10:19 बजे से शुरू होगा, जो की 2025 की मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025) तक चलेगा. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा. तो चलिए आइए जानते हैं खरमास के महत्व, पूजा विधि और इस समय विशेष ध्यान देने योग्य बातों के बारे में.
1. शुभ कार्यों से परहेज: खरमास के दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. साथ ही नए काम की शुरुआत भी इस समय उचित नहीं मानी जाती है.
2. घर खरीदना या बेचना: खरमास में संपत्ति खरीदने या बेचने की बिल्कुल शुभ नहीं मानी जाता है. इस समय इन कामों को करने से बचना चाहिए.
3. धार्मिक कार्यों में वृद्धि: खरमास के दौरान कई लोग शुभ कार्यों से बचते हैं. लेकिन इस दौरान धार्मिक कार्यों जैसे पूजा-पाठ, ध्यान और जप को बढ़ावा देना चाहिए.
4. मन की शांति: इस समय मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है. क्रोध, लोभ, और मोह से दूर रहकर अपने विचारों को शांत रखें.
5. सकारात्मकता बनाए रखें: इस दौरान खुद को सकारात्मक रखें और जरूरतमंदों को दान अवश्य करें. इससे जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
खरमास के दौरान जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें. जिसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर सूर्य देव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. पूजा स्थल को साफ और सजाकर फूल, दीपक आदि से अलंकृत करें. इसके बाद सूर्य देव को जल, फूल, धूप, दीपक अर्पित करें. खासकर लाल रंग के फूल जैसे गुलाब या गेंदा चढ़ाना शुभ माना जाता है.
वहीं पूजा के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करें. जो सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी मंत्र है. पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आपकी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
गुड़ – गुड़ को सूर्य देव को अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और बीमारियां दूर रहती हैं.
तांबे का लोटा – तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है.
गेंहू – गेंहू चढ़ाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परेशानियां कम होने लगती हैं.
लाल चंदन – लाल चंदन को सूर्य देव को अर्पित करने से मन शांत होता है और मानसिक शांति मिलती है.