भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा MPC की बैठक के बाद रेपो रेट में कटौती की गई थी. RBI द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की गई थी, जिसके बाद रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की राहत मिली थी. पिछले दो महीने में दो बार हुए रेपो रेट में कटौती की वजह से लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिली है.
रेपो रेट कम होने के बाद अब बैंक ने भी अपना इंटरेस्ट कम कर दिया है, जिसकी वजह से लोगों के लिए ईएमआई भर पाना और आसान हो जाएगा. इसके अलावा बैंक से लोन लेने का प्लान बना रहें तो पहले आप इंटरेस्ट रेट जरूर समझ लें,नहीं तो आपको परेशानी हो सकती है.
रेपो रेट कम होन के बाद SBI की ओर से अपने EBLR में कटौती की गई है. जिसके बाद ये रेट 8.90% से कम होकर 8.65% पर आ गया हैं. वहीं RLLR 8.25% है. हालांकि इसके बाद क्रेडिट रिस्क प्रीमियम जुड़ने के बाद ही कुल ब्याज दर का पता लग पाता है. हालांकि SBI ने अपने MCLR में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है. SBI की एक साल की MCLR 9% पर है, वहीं तीन साल की MCLR 9.10% पर बनी हुई है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने वेबसाइट पर कहा कि रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर होम लोन या अन्य लोन के संबंधित ब्याज पर पड़ता है. अगर रेपो रेट बढ़ता है तो फिर लोन का ईएमआई भी बढ़ जाएगा. इस बदलाव से केवल उन्ही लोगों को राहत मिलेगी, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया होगा. इसके अलावा MCLR आधारित लोन ग्राहकों को किसी तरह की राहत नहीं मिलने वाली है.
देश के सरकारी बैंकों में से एक इंडियन बैंक ने भी अपने रेपो-रिलेटेड बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RBLR) में 35 आधार अंकों की कटौती की है. कटौती के बाद RBLR दर 8.70 प्रतिशत पर है. बैंक अपनी नई दरें 11 अप्रैल से लागू कर चुकी है.
पंजाब नेशनल बैंक के RBLR में कटौती के बाद बैंक का नया रेट 8.85 प्रतिशत है. रेपो रेट में कटौती से पहले RBLR रेट 9.10 प्रतिशत था. इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक ने भी अपने RBLR में कटौती की है. जिसकी वजह से ब्याज दर कम हो गए हैं और इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है.