हेमंत सोरेन के सत्ता संभालते ही राजनीति हलचल हुई तेज,मिशन झारखंड' पर लगे बीजेपी के दो कद्दावर नेता

Jharkhand News: हेमंत सोरेन के सत्ता संभालते ही झारखंड में सियासी खेल शुरू हो गया है. हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही गठबंधन का उत्साह बढ़ गया है. हेमंत के दोबारा सीएम बनने से यह साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव उनके ही चेहरे पर लड़ा जाएगा. कांग्रेस पार्टी को इससे काफी उम्मीदें भी हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने अपने दो कद्दावर नेताओं को मिशन झारखंड पर लगा दिया है.

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Jharkhand News: समय के साथ उनकी भूमिका भी बदल जाती है. पांच माहीने पहले जब ईडी का शिकंजा हेमंत सोरेन के विरुद्ध कस रहा था तो सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता इसके विरोध में राजभवन के समक्ष प्रदर्शन में जुटे थे. राजधानी राची का यह वीवीआईपी इलाका कई दिनों तक कड़ी सुरक्षा घेरे में रहा. गुरुवार के दिन परिस्थिति एक दम बदल गई थी. हेमंत सोरेन राजभवन के अंदर तीसरी बार झारखंड की कमान संभाल रहे थे तो समर्थकों का उत्साह चरम पर था. समर्थक खूब आतिशबाजी कर रहे थे. इस दौरान मीठाइयां भी बांटी गई है. 

हेमंत सोरेन की जेल से वापसी के एक सप्ताह के अन्दर घटनाक्रम इस तरह बदला कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के साथ-साथ अपनी रौ में पूरी तरह से वापस लौट आए है. इससे उनके पार्टी के साथ-साथ गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है. 

सत्ता में वापस लौटने का दबाव

गठबंधन के विधायकों की संयुक्त बैठक में कांग्रेस ने आम सहमति बनाने से लेकर राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करने में हेमंत सोरेन का साथ दिया तो इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापस लौटने का दबाव है. हेमंत सोरेन के सामने किसी भी प्रकार की कोई भी चुनौती नहीं है.

गठबंधन पिछले विधानसभा चुनाव की तरह उनके चेहरे को आगे कर ही चुनाव लड़ा जाएगा. हेमंत सोरेन को एक बार फिर से सत्ता संभालने से कांग्रेस पार्टी में उत्साह की बड़ी वजह लोकसभा चुनाव का परिणाम है. कांग्रेस डबल हो गई, जबकि झामुमो के हिस्से में भी तीन सीटें आई. सभी पांच आदिवासी सुरक्षित सीटों पर कब्जे की एक बड़ी वजह हेमंत सोरेन के जेल जाने से पैदा हुई सहानुभूति को भी माना जा रहा है.

 गठबंधन में नए उत्साह का संचार

ऐसे में हेमंत सोरेन की मौजूदगी होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन के दलों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है. सत्ता हस्तांतरण में भी कांग्रेस की सक्रियता इसी कारण दिखी. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर यहां जमे रहे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी हर कदम पर हेमंत सोरेन के साथ दिखाई दिए. यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने दो कद्दावर नेताओं शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा को जिम्मा सौंपकर गठबंधन को सतर्क कर दिया है. दोनों नेता यहां पर जमीनी स्तर पर काम भी शुरू कर दिया है. ऐसे में गठबंधन में हेमंत सोरेन के फिर सत्ता संभालकर पूरी तरह एक्शन में आने से गठबंधन में नए उत्साह का संचार हुआ है.

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