Patna: वैसे तो नीतीश कुमार और NDA का रिश्ता टौम एण्ड जेरी या फिर किसी पुराने आशिक की तरह है. दोनों के बीच कभी इतनी मुहब्बत हो जाती है कि दोनों को एक दूसरे की खामियाँ नजर नहीं आती तो कभी इतना बैर कि एक दूसरे को देखना नहीं चाहते. बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का कभी NDA तो कभी आरजेडी के साथ याराना देखने को मिलता रहा है.
लेकिन इसी बीच अब एक बार फिर सियासी गलियाओं में नीतीश के NDA का दामन थामने को लेकर चर्चा चल रही है. इस चर्चा को हवा दी है आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने. उन्होंने नीतीश के आरजेडी के साथ गठबंधन को गलत बताते हुए ये भी कहा कि अगर नीतीश वापस NDA में जाना चाहें तो वो उनकी पैरवी भी कर सकते हैं.
बिहार की सियासत में इन दिनों काफी हलचल है. कल यानि 26 दिसम्बर को ये खबर आई कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि बाद में जेडीयू नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका खंडन कर दिया. इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे कि नीतीश कुमार फिर से एनडीए में जाने वाले हैं.
कयासों को और हवा देते हुए मंगलवार को आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश का लालू यादव की पार्टी के साथ जाना बेहद ही गलत कदम था. उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार का आरजेडी के साथ जाना आत्मघाती कदम था." इसके साथ ही उन्होंने नीतीश की पैरवी की भी पेशकश कर दी.
उन्होंने आगे कहा कि "अगर नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करें कि आरजेडी से उनका संबंध टूट गया और अगर एनडीए में फिर से शामिल होने की बात होगी तो फैसला बीजेपी के लोग करेंगे लेकिन हम उनके लिए पैरवी जरूर कर देंगे."
उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के बाद चारों तरफ जहां नीतीश और NDA को लेकर चर्चा है, तो वही दूसरी ओर इस पूरे मामले पर बोलते हुए आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने उपेन्द्र कुशवाहा को ही आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि "उपेंद्र कुशवाहा खुद को और अपनी पार्टी को देखें कि कहां पर हैं. वो बीजेपी की पिच पर जाकर खेलना चाह रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उनको भाव नहीं दे रही है. जिस तरह के चक्रव्यूह में बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा को फंसाया है वो बेचैनी में हैं और बौखलाहट में हैं". हालांकि इन तमाम सियासी उठा पटक के बीच नीतीश कुमार का फैसला क्या होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.