Bihar News: बिहार में अभ्यर्थियों ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती दी थी. 1756 असफल अभ्यर्थियों ने रिजल्ट को लेकर सवाल उठाए थे. कई अभ्यर्थियों ने बीपीएससी की ओर से जारी दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया, और शपथ पत्र के बिना आपत्ति पत्र का आवेदन दिया. जिसके बाद आयोग की ओर से इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। अब आयोग की ओर से 171 अभ्यर्थियों को एक साल और 413 को तीन साल के लिए बीपीएससी परीक्षा से बैन
BPSC ने दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने वाले 171 को एक साल और 413 अभ्यर्थियों को 3 साल के लिए बैन कर दिया है. आयोग की ओर से इन अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. बीपीएससी के फैसले के बाद अब ये अभ्यर्थी आयोग की ओर से आयोजित किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे.
अभ्यर्थियों ने रिजल्ट पर दर्ज कराई थी आपत्ति
बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि, शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने दूरभाष और आयोग में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर बताया गया था कि प्रकाशित परीक्षाफल के कट ऑफ से उनका प्राप्तांक अधिक होने के बावजूद उनका चयन नहीं हुआ है. जिसके बाद 1756 अभ्यर्थियों की ओर से आपत्ति आवेदन आयोग को प्राप्त हुआ. जांच में पाया गया कि इनमें से 741 आवेदन बिना शपथ पत्र के समर्पित किया गया था. आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऐसे सभी अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई.
अभ्यर्थियों ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया
बिहार लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों से शिकायत दर्ज कराए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था. कई अभ्यर्थियों की ओर से अपना बचाव पक्ष आयोग के सामने रखा गया. लेकिन 413 अभ्यर्थियों की ओर से स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया गया. बीपीएससी की ओर से कहा गया है कि इन सभी अभ्यर्थियों की ओर से अपनी असफलता को छुपाने और आयोग के छवि को धूमिल करने की चेष्टा की गई है, जो किसी प्रतियोगिता परीक्षार्थी के आचरण के प्रतिकूल है. इसलिए इन अभ्यर्थियों को बीपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए अगले 3 वर्ष यानी 31 दिसंबर 2026 के लिए बैन किया जाता है.
171 अभ्यर्थियों ने गलती मानी
दूसरी तरफ 171 अभ्यर्थियों की ओर से अपना स्पष्टीकरण आयोग को समर्पित किया गया. जिसमें यह बताया गया कि उनसे अनजाने में गलती हो गई है. इन अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि परीक्षा में फेल होने के कारण अत्याधिक दबाव और घबड़ाहट में शपथ पत्र नहीं दे सके. कुछ ने बताया कि भूलवश शपथ पत्र अपलोड नहीं करने की बात कही. इन अभ्यर्थियों की ओर से अपनी गलती को मानते हुए स्पष्टीकरण से मुक्त करने का अनुरोध किया गया। लेकिन आयोग ने इसे बीपीएससी की छवि को धूमिल करने और अपनी कमी को छुपाने के लिए समय बर्बाद करने की चेष्टा माना.