UP News: आपातकाल की 50वीं बरसी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. सीएम ने कहा कि रात के अंधेरे में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने कैसे भारत के लोकतंत्र को समाप्त करने का प्रयास किया था. उस समय सभी विपक्षी दलों के तमाम नेताओं को जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जय प्रकाश नारायण जैसे नेताओं को जेल में डालकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज जब हम उस आपातकाल को याद करते हैं तो पाते हैं कि कांग्रेस में भले ही चेहरे बदल गए, लेकिन आज भी चरित्र वही है. ये लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन ये भारत के बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं. भारत की चुनाव प्रकिया पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं. भारत के अंदर हर चुनाव की प्रक्रिया में बाधा पैदा कर ईवीएम मशीन पर दोषारोपण कर अपनी अकर्मण्यता का परिचय देते है.
भारत के संविधान में संशोधन करके धारा 370 डाला गया. इसके साथ ही समय-समय पर संविधान के साथ और लोकतंत्र के सभी स्तम्भों को कमजोर करने का प्रयास किया गया. आज से ठीक 50 साल पहले 25 जून 1975 को देश के लोकतंत्र को ख़त्म करने का प्रयास किया. वही कांग्रेस पार्टी ने संविधान के परेमबल में संशोधन कर उसकी आत्मा को समाप्त करने का प्रयास किया. कांग्रेस ने उस समय देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था. कांग्रेस ने उस समय न्यायालय को बंधक बना दिया था. आज भी कांग्रेस में चेहरा बदला हो लेकिन चरित्र नही बदला.
सीएम योगी ने कहा कि एक ओर कांग्रेस का तानाशाही क्रूर रवैया जिसने आज से नहीं 1975 में ही नहीं, आजादी के तत्काल बाद संविधान में संशोधन कर धारा 370 जबरन डालकर देश की अखंडता को चुनौती दी. इसके अलावा समय समय पर लोकतंत्र के सभी स्तम्भों को कमजोर करने भरपूर प्रयास किया गया. 25 जून 1975 इसकी पराकाष्ठा थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1975 में जिन लोगों ने देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए, आज उनकी नई पीढ़ी कांग्रेस के गोद में बैठी है.
सीएम ने कहा कि कांग्रेस आज भी उसी रास्ते पर चल रही है. भारत के संविधान को खत्म करने के रास्ते पर चल रही है. कांग्रेस के जो सहयोगी हैं, वह जनता के नाम पर संविधान की कार्रवाई को बाधित करने का काम कर रहे है. देश की संसद में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एक बिल को फाड़ने का काम किया था. कांग्रेस पार्टी को देश कभी माफ नहीं करेगा. कांग्रेस को और कांग्रेस के सभी सहयोगियों को जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को कमजोर किया, संविधान को मानने से मना किया, इनको माफी मांगना चाहिए.