हाथरस की घटना पर सीएम योगी सख्त, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने हाथरस की घटना पर राजनीति करने वाले पार्टीयो को भी फटकार लगाई है. सीएम ने कहा क‍ि इस तरह की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है. सरकार इस मामले में पहले से ही संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

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UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे को लेकर कहा कि सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदार लोगों को उचित सजा देने का काम करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार इस पूरी घटना की जांच कर रही है. सीएम ने कहा हम इस घटना की तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या कोई साजिश. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटना काफी दुखद और ह्दयविदारक है.

सीएम ने घटना पर राजनीति करने वाले पार्टी को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस घटना पर पीड़ितों के प्रति दुख व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और वह निंदनीय है. यह समय पीड़ित परिवार के घावों पर मरहम लगाने का है. सरकार इस मामले में पहले से ही संवेदनशील है और जो भी दोषी होगा वह बख्शा नहीं जाएगा.

झकझोर देने वाली यह घटना 

भीड़ प्रबंधन के लापरवाही के चलते हुए ब्रज के प्रवेश द्वार हाथरस में हुई भीषण घटना में 116 लोगों की हृदयविदारक मृत्यु हो गई. यह घटना पूरे देश को झकझोर देने वाली है. यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग पूरी तरह से आतुर हो गए. मरने वालों में 108 महिलाएं, 7 बच्चे और 1 पुरुष शामिल है. कई लोग घायल भी हुए है. 

यह साल 1954 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है. घटना के बाद मौके से निकल कर बाबा देर रात मैनपुरी पहुंच गया. वंचित समाज के लोगों पर भोले बाबा का बड़ा प्रभाव माना जाता है. 

नेताओं ने घटना पर दुख व्यक्त किया

गहरा दुख व्यक्त करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए है. केंद्र और राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को 2 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने घटना पर दुख व्यक्त किया है. जानकारी यह है कि इस सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की उपस्थिति की प्रशासनिक अनुमति थी, लेकिन मौके पर डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंच गए. जिसके चलते भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था औंधे मुंह हो गई. कई लोग सड़क किनारे के फिसलन भरे गड्ढे में गिरने लगे. पीछे से भीड़ का दबाव, के चलते हुई भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया.

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