डेरा सच्चा सौदा अकेले ही पलट देगा चुनाव का रुख! जानिए हरियाणा में कितना प्रभावशाली

Dera Sacha Sauda: हरियाणा में कल यानी 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं.इसके मद्देनजर आज 90 सीटों पर चुनाव प्रचार बंद कर दिया गया है. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बड़े-बड़े नेताओं ने खूब चुनाव प्रचार किया. इस बार पूरे चुनाव प्रचार के दौरान एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, वह था विनेश फोगाट का, जो कुश्ती के बाद राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही हैं .

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Dera Sacha Sauda: हरियाणा में कल यानी 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके मद्देनजर आज 90 सीटों पर चुनाव प्रचार बंद कर दिया गया है. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बड़े-बड़े नेताओं ने खूब चुनाव प्रचार किया. बार पूरे चुनाव प्रचार के दौरान एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, वह था विनेश फोगाट का, जो कुश्ती के बाद राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही हैं .

लेकिन, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आशिक तंवर का नाम भी सुर्खियों में आ गया और इसके पीछे की वजह थी कि वो महज 10 मिनट में कांग्रेस से बीजेपी और फिर 10 मिनट में बीजेपी से कांग्रेस में चले गए.उसने समर्थकों को भी समझ नहीं आया कि आखिर वो किस पार्टी का साथ दें. लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा डेरा सच्चा सौदा के नाम की रही.चुनाव से ठीक पहले पैरोल पर जेल से रिहा हुए राम रहीम के डेरे ने हरियाणा में नाम चर्चा की थी, जिसमें बड़ी संख्या में उनके अनुयायी शामिल हुए थे.राम रहीम के अनुयायी नाम चर्चा में वोटिंग को लेकर किसी भी तरह के संदेश से इनकार कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह डेरा के सक्रिय होने का खबर था? 

क्या डेरा सचमुच प्रभावशाली है?

अगर ये सवाल चुनाव को लेकर उठता है तो ये गलत नहीं है. हरियाणा की राजनीति को जानने और समझने वालों को डेरे के समर्थन का असर पता होगा.डेरे को लेकर कहा जाता है कि ये सभी मतदान के ठीक पहले अपने लोगों तक एक संदेश भिजवाते है. जिसमे बताया जाता है कि किसका समर्थन करना है और किसका विरोध. पहले ये माना जाता था कि इनका एक विंग है जो लोगों को इस बारें में जानकारी देता था और वो लोग उनकी बात भी मानते थे, लेकिन अब माना जाता है कि ये विंग काम नहीं करता है.

बता दे, हरियाणा के कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, कैथल और करनाल जिले में इनकी मजबूत पकड़ है. हरियाणा में कुल 90 सीट है और उनमे से कुल 26 विधानसभा सीटें इन्ही इलाकों में पड़ती है. पूरे भारत में डेरा सच्चा सौदा की 38 शाखाएं हैं इनमे से 21 हरियाणा में हैं. वही टोहाना और फतेहाबाद में इनकी संख्या इतनी है कि ये अकेले ही किसी को हरा और जीता सकते है. इसके अलावा और भी कई डेरे है जिनकी राजनीति में अहम भूमिका है. इसमें डेरा लक्ष्मणपुरी और राधा स्वामी सत्संग व्यास शामिल हैं.इन डेरे का राजनीति से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है, लेकिन यहां हरियाणा और पंजाब के सीएम माथा टेकने जरूर जाते है.

डेरे के साथ मस्तनाथ मठ का भी प्रभाव 

रोहतक के बाबा मस्तनाथ मठ की गिनती भी हरियाणा के प्रभावशाली डेरों में होती है.नाथ संप्रदाय के इस मठ की गद्दी पर आसीन बाबा बालकनाथ नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. बालकनाथ यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं और इस डेरे का प्रभाव राज्य के अहीरवाल बेल्ट, खासकर महेंद्रगढ़ और रोहतक में काफी मजबूत माना जाता है.

इसका मतलब साफ है कि हरियाणा की राजनीति इसी के इर्द-गिर्द घूमती है. डेरा के अनुयायी चाहें तो किसी भी चुनाव में किसी भी पार्टी की जीत या हार तय कर सकते हैं. अब देखना यह है कि 10 अक्टूबर को होने वाली मतगणना में इस बार कौन सी पार्टी जीत हासिल करती है .

हरियाणा के सिरसा जिले के कालावाली डेरा मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम जगमालवाली और सांपला के डेरा कालिदास महाराजा, डेरा नामधारी, रोहतक के पुरी धाम, सतजिंदा कल्याण डेरा, कलानौर के डेरा बाबा ईश्वर शाह और सती भाई साईं दास प्रभावशाली डेरों में से एक हैं .

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