सोने की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, और इस साल के शुरुआती महीनों में ही सोने की कीमतें 12% तक बढ़ चुकी हैं. अगर आपके पास सोना है तो उसे बेचने की बजाय उसे अपने पास रखना समझदारी का कदम हो सकता है, क्योंकि यह आगामी दिनों में और भी महंगा हो सकता है.
सोने की कीमतें इस समय एक नई ऊंचाई पर हैं, जो कि अब तक के सबसे उच्चतम स्तर 2950 डॉलर प्रति औंस को पार कर चुकी हैं. इसका प्रमुख कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कस्टम शुल्क (टैरिफ) लगाए जाने को बताया जा रहा है. जब वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का रुख करते हैं, जिससे सोने की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं और यह 3000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंचने की संभावना है. सोने की बढ़ती मांग के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि ट्रंप द्वारा हाल ही में ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर्स और दवाओं पर नए टैरिफ लगाने का ऐलान. इसके साथ ही, COMEX (कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की रिकॉर्ड डिमांड भी देखी जा रही है, जिससे सोने का बाजार मजबूत हो रहा है.
अगर हम सोने की मांग के प्रकार की बात करें तो फिजिकल गोल्ड (जैसे सोने के सिक्के और बार) की मांग पेपर गोल्ड (जैसे फ्यूचर गोल्ड) की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ी है. अमेरिका में सोने की डिलीवरी में भी तेजी देखी जा रही है. फरवरी महीने में COMEX पर 200 टन सोने की डिलीवरी हुई, और पिछले दो महीनों में यह आंकड़ा 500 टन तक पहुंच चुका है. इसके बावजूद, रिफाइनरीज द्वारा शुल्क लगाए जाने के बावजूद सोने की डिमांड लगातार बढ़ रही है, जो निवेशकों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हो रहा है.
अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है. हालांकि, बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना जरूरी है. यदि आपके पास पहले से सोना है, तो उसे बेचने की बजाय होल्ड करने का यह सही समय हो सकता है, क्योंकि आने वाले समय में सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है.