Sri Krishna Janmabhoomi Dispute: श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में हाई कोर्ट ने दी मंजूरी, मथुरा के शाही ईदगाह का होगा सर्वे

Sri Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह पर हाई कोर्ट का फैसला आ गया है. ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा के शाही ईदगाह का भी सर्वे कराया जाएगा.

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हाइलाइट्स

  • ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर अब होगा मथुरा के शाही ईदगाह का सर्वेक्षण
  • 13.37 एकड़ जमीन के स्वामित्व का है पूरा विवाद

Sri Krishna Janmbhoomi Case: अयोध्या और ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और विवादित शाही ईदगाह मस्जिद पर उच्च न्यायालय का फैसला आ गया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित परिसर का सर्वेक्षण एडवोकेट कमिश्नर से कराए जाने की मांग को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही एडवोकेट कमिश्नर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के जरिए ईदगाह का सर्वेक्षण करेंगे . हालांकि एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा और सर्वेक्षण कब  शुरू होगा. इसके बारे मे जानकारी 18 दिसम्बर को हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद मिलेगी. 

18 दिसम्बर को तय होगी सर्वे की रूपरेखा 

जानकारी के अनुसार, 18 दिसम्बर को होने वाली सुनवई में हाई कोर्ट सर्वेक्षण की रूपरेखा तय करेगी. इस दिन सुनवाई के बाद ही सर्वे करने वाले एडवोकेट कमिश्नर का फैसला होगा. इस दिन हाई कोर्ट मामले से जुड़े सभी पक्षों से राय भी मांगेगी और सबका पक्ष सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगी. बात दें कि हिंदू पक्ष के भगवान श्री कृष्ण विराजमान कटरा केशव देव की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट ने 16 नवंबर को इस याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व कर लिया था.

मथुरा विवाद से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ हो 

आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में हिन्दू पक्ष की ओर से एक और याचिका दाखिल की गई. इस याचिका में अपील  की गई है कि मथुरा विवाद से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए. ये याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान कटरा केशव देव की तरफ से दायर की गई है. बात दें कि अब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह को लेकर कूल 18 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. इन सभी मामलों की सुनवाई मथुरा की जिला अदालत की जगह सीधे इलाहाबाद हाई कोर्ट में हो रही है. 

क्या है पूरा विवाद ?

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और  ईदगाह विवाद काफी पुराना है. ये विवाद असल में भूमि के मालिकाना हक को लेकर है. 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक से जुड़े इस विवाद में 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मभूनी सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया था. इस समझौते के तहत इस भूमि और  मंदिर और  मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी. इसके अनुसार, कूल 13.37 एकड़ जमीन में 10.9 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि संस्थान का अधिकार है और 2.5 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह का हक है.

हालांकि इस समझौते को नकारते हुए हिन्दू पक्ष का कहना है कि भूमि पर अवैध तरह से कब्जा करके शाही ईदगाह बनाया गया है. हिन्दू पक्ष की मांग है कि शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान को दी जाए.

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