Supreme Court: हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस के 6 विधायक सुप्रीम कोर्ट में चले गए हैं, जहां उन्होंने स्पीकर के द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने पर चुनौती दी है. स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित किया था क्योंकि वे विधानसभा में बजट के दौरान गैर-हाजिर थे. इन विधायकों ने स्पीकर के फैसले को गलत ठहराते हुए उनकी सदस्यता बहाल करने की मांग की है.
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में, इन छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके कारण बीजेपी के हर्ष महाजन को विजेता घोषित किया गया था और कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था. बाद में, इन विधायकों को बीजेपी के समर्थन में बयानबाजी करते हुए भी देखा गया. इन विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद, राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. वहीं, कांग्रेस के भीतर बागी विधायकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की बात उठ रही थी.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने क्या कहा?
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ''हंगामे के मामले में कुछ सदस्यों से नोटिस मिले हैं और मैंने भी खुद संज्ञान लिया है. मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘सदन के अंदर बीजेपी विधायकों की ओर से की गई अनुशासनहीनता नियमों और संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई योग्य है और इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं.’’ विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायक गरिमापूर्ण तरीके से विरोध जता सकते हैं, लेकिन आसन पर कागज फेंकना स्वीकार्य नहीं है.