Tamil Nadu: नीट-यूजी (NEET-UG ) परीक्षा में हुई धांधली को लेकर लगातार देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. विपक्ष पार्टिया जहां दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जोर दे रही है. वहीं, अब तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा है. सीएम एम के स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार से राज्य को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी से छूट देने और राष्ट्रीय स्तर पर इस परीक्षा को समाप्त करने की मांग की है.
तमिलनाडु राज्य को नीट से छूट देने के संबंध में पीएम नरेंन्द्र मोदी को एक पत्र में सीएम एम के स्टालिन ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन प्रक्रिया 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए. इसके लिए अलग से प्रवेश परीक्षा नहीं होनी चाहिए. इससे छात्रों पर अधिक दबाव पड़ता है. सीएम एम के स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, 'हमने तमिलनाडु में नीट परीक्षा नही कराने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने के लिए तमिलनाडु विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था. इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने मंजूरी नहीं दी है.
एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने उपरोक्त बताई गई मांग के संबंध में विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह तमिलनाडु को नीट से छूट देने के लिए विधेयक पर अपनी सहमति जताएं और राष्ट्रीय स्तर पर इस चयन प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन करें.
इसी बीच, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे अलग-अलग पत्रों में स्टालिन ने उनसे अनुरोध किया कि वे अपनी-अपनी विधानसभाओं में नीट परीक्षा को समाप्त करने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव पारित करने पर विचार विर्मश करें.
सीएम एम के स्टालिन ने लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी पत्र लिखकर तमिलनाडु को नीट परीक्षा से छूट देने की मांग पर उनका समर्थन मांगा है. सीएम एम के स्टालिन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा, 'राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट- यूजी की परीक्षा में अनियमितताओं की हालिया घटनाओं ने देश में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक कई छात्रों के सपने को चकनाचूर कर दिया है.
यह व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र के गरीब युवाओं को मेडिकल में स्नातक करने के सपने पूरे करने से भी वंचित कर रही है. सीएम ने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस मुद्दे और तमिलनाडु की मांग को संसद में जरूर उठाएं तथा विपक्षी गठबंधन में शामिल राज्यों को भी सुझाव दें कि वे देश के युवाओं के हित में संबंधित विधानसभाओं में इसी तरह के प्रस्ताव को पारित करें.