दिशा सालियान मौत मामले में पिता ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, आदित्य ठाकरे के खिलाफ जांच की मांग

Disha Salian: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत एक्टर की मौत से 6 दिन पहले हुई थी. अब इस मामले में दिशा के पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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Courtesy: Social Media

Disha Salian: बॉलीवुड के सुपरस्टार सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के लगभग पांच साल पूरे हो चुके हैं. जिसके बाद अब उनके पिता ने शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे और अन्य कुछ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग करते हुए मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिशा के पिता सतीश सालियान के वकील ने इस मांग को लेकर अदालत के समक्ष याचिका दायर की है.

दिशा सालियान दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर थी. उनकी मौत 8 जून को उपनगरीय मलाड में एक ऊंची इमारत की 14 वीं मंजिल से गिरने की वजह से हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने इसे एक्सीडेंटल डेथ का मामला दर्ज किया था. उनकी मौत के महज 6 दिन बाद ही सुशांत मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे. 

दिशा के पिता ने दायर की याचिका

सुशांत सिंह का मामला काफी सुर्खियों में रहा था. पुलिस ने पहले इसे आत्महत्या बताया था, हालांकि बाद में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था. हालांकि सुशांत के परिवार अभी जांच से संतुष्ट नहीं थे. वहीं दिशा की मौत के समय पर उनके पिता सतीश सालियान ने पुलिस को बताया था कि वो अपनी बेटी मौत में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी का संदेह नहीं जताते हैं. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस की जांच पर संतुष्टता बताई थी. हालांकि अब दिशा के पिता ने अब पांच साल बाद विस्फोटक आरोप लगाए हैं. दिशा के पिता का कहना है कि 8 जून को दिशा ने अपने घर पर एक पार्टी आयोजित की थी. जिसमें आदित्य ठाकरे शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि उनके साथ उनके बॉडीगार्ड और अभिनेता सोराज पंचोली और डिनो मोरिया भी पार्टी में पहुंचे थे. पिता ने अपने याचिका में दावा किया है कि दिशा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे जबरन रोका गया. 

हाईप्रोफाइल फेश का नाम शामिल

सतिश सालियान ने याचिका में यह भी कि यह दावा किए जाने के बावजूद कि दिशा की मौत ऊंची इमारत से गिरने के कारण हुई, उसके शरीर में एक भी फ्रैक्चर नहीं था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया गया कि घटनास्थल पर खून नहीं था. इसमें आगे दावा किया गया कि आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आरोपी को बचाने के लिए राजनीतिक दबाव में बदल दिया गया. याचिका में दावा किया गया कि फोटोग्राफिक साक्ष्य साबित करते हैं कि आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई थी ताकि आरोपी और मिलीभगत वाले पुलिस अधिकारियों द्वारा बनाई गई मनगढ़ंत आत्महत्या की कहानी से मेल खा सके. 

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