जयपुर: प्रसिद्ध फिल्म निर्माता इम्तियाज अली ने सोमवार को जयपुर साहित्य महोत्सव में एक दिलचस्प बयान दिया, जिसमें उन्होंने फिल्म निर्माण और अपने पसंदीदा सिनेमा के बारे में अपने विचार साझा किए. अली ने कहा कि जो फिल्में आप बनाते हैं, वे उन घरों की तरह होती हैं जिनमें आप किराए पर रहते हैं, जबकि जो फिल्में आपने अपनी युवावस्था में देखीं, वे आपकी असली फिल्में होती हैं.
इम्तियाज अली ने उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपनी फिल्मों 'रॉकस्टार' और 'तमाशा' के मुकाबले 'शोले' का बचाव करेंगे. उनकी यह बात इस ओर इशारा करती है कि जिन फिल्मों को उन्होंने बचपन में देखा था, वे उनके दिल के बहुत करीब हैं और वे उन फिल्मों को बहुत महत्व देते हैं.
अली की फिल्में 'रॉकस्टार' और 'तमाशा' भले ही अपनी रिलीज के समय ज्यादा सफलता न पा सकीं, लेकिन अली का मानना है कि इन फिल्मों ने समय के साथ अपनी एक खास पहचान बनाई है. इन फिल्मों ने कुछ वर्षों बाद एक अलग ही ताकत हासिल की है और आज के प्रशंसक इन फिल्मों को लेकर किसी भी आलोचना का विरोध करते हैं.
इम्तियाज अली के मुताबिक, फिल्म बनाने का असली मजा तब आता है जब आप अपनी जड़ों से जुड़ी फिल्में बनाते हैं, और दर्शकों को अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं.
जयपुर साहित्य महोत्सव के दौरान अली ने इस विषय पर और भी बातें साझा की और बताया कि फिल्में सिर्फ एक कला नहीं होतीं, बल्कि ये आपकी व्यक्तिगत यात्रा और भावनाओं का एक आईना होती हैं, जो समय के साथ बदलती हैं और एक नया अर्थ ग्रहण करती हैं.
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