नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया कि 16 जनवरी को उनके घर में हुए जानलेवा चाकू हमले के बाद उनके आठ साल के बेटे तैमूर ने क्यों देर रात अस्पताल जाने का निर्णय लिया.
सैफ ने अपने बयान में कहा कि हमले के बाद उनके दिमाग में कई सवाल उठ रहे थे और वह चाहते थे कि अगर कुछ हो जाए तो उनका बेटा उनके साथ हो. सैफ ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में कहा, “वह (तैमूर) पूरी तरह से शांत था। उसने कहा, 'मैं आपके साथ आ रहा हूं.' उस वक्त मैं सिर्फ उसे देखकर सुकून महसूस कर रहा था और मैं अकेले नहीं जाना चाहता था.”
सैफ ने आगे बताया, “मेरी पत्नी (करीना कपूर) ने उसे मेरे साथ भेजा, यह जानते हुए कि वह मेरे लिए क्या कर सकता है. शायद... उस समय, यह सही फैसला था। मुझे अच्छा लगा और मैंने यह भी सोचा कि अगर, खुदा न करे, कुछ होता भी है तो मैं चाहूंगा कि वह (तैमूर) मेरे साथ हो और वह भी वहां रहना चाहता था.”
सैफ के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था कि इस मुश्किल घड़ी में तैमूर उनके साथ था, जिससे उन्हें मानसिक सुकून मिला। यह उनका अपने बेटे के प्रति गहरा स्नेह और समर्थन था, जो उनके लिए बेहद मायने रखता है.
हमले के बाद से सैफ को चलने और अधिक समय तक खड़े रहने में मुश्किल हो रही थी. हालांकि, वह समय के साथ अपनी सेहत में सुधार महसूस कर रहे हैं. सैफ ने अपनी सेहत के बारे में बताते हुए कहा, “मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह से ठीक हो जाऊंगा.”
यह घटना सैफ के लिए एक कठिन समय रही, लेकिन तैमूर का साथ और परिवार का समर्थन उनके लिए संजीवनी साबित हुआ.
सैफ अली खान ने एक पिता और परिवार के सदस्य के रूप में अपनी भावनाओं को साझा करते हुए बताया कि किसी कठिन परिस्थिति में भी परिवार का साथ और प्यार कितनी बड़ी ताकत हो सकता है. उन्होंने तैमूर के समर्थन को लेकर जो बात कही, वह उनके रिश्ते की गहराई को दर्शाती है.