Anand Sheela: ओशो को चाहने वालों और उनकी बातों से बैर ना रखने वालों में अक्सर बहस होता रहता है. कुछ लोग उनकी बातों से काफी रिलेट कर पाते हैं, वहीं कुछ लोग उन्हें अलग बताते हैं. हालांकि उनके नाम के साथ एक नाम अक्सर जुड़ता है. वो नाम आनंद शीला उर्फ शीला अंबालाल पटेल या शीला बर्नस्टील है.
शीला रजनीश आंदोलन की प्रवक्ता थीं, जो ओशो से प्रेरित थी. भारतीय-स्विस महिला ने ओशो की सचिव के रूप में काम किया और अमेरिका के ओरेगन के वास्को काउंटी में रजनीशपुरम आश्रम का प्रबंधन किया. हालांकि ऐसे कई सारे सवाल हैं जिनका जवाब आज भी लोगों को नहीं मिल पाया है. इन उलझे सवालों का जवाब अब आपको शीला के जीवन पर आधारित बॉलीवुड बायोपिक में मिलने वाला है.
शीला ने मिस वर्ल्ड 2000 के इस रोल के प्रति झुकाव के बावजूद प्रियंका चोपड़ा जोनास की जगह आलिया भट्ट को मुख्य भूमिका के लिए चुनने के लिए हामी भरी थी. हालांकि, फंडिंग की कमी के कारण फिल्म को रोक दिया गया था. कथित तौर पर फिल्म कभी भी योजना चरण से आगे नहीं बढ़ पाई. नेटफ्लिक्स ने वाइल्ड वाइल्ड कंट्री नामक एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की, जो ओशो के जीवन पर आधारित थी. डॉक्यूमेंट्री की वजह से मा आनंद शीला का नाम चर्चा में आया. वाइल्ड वाइल्ड कंट्री की लोकप्रियता के बाद, ओवर-द-टॉप प्लेटफ़ॉर्म ने आनंद शीला पर एक और डॉक्यूमेंट्री सर्चिंग फ़ॉर शीला की शुरुआत की.
शीला के जीवन ने डॉक्यूमेंट्री का आधार बनाया. कई रिपोर्टों के अनुसार, शीला पहली बार ओशो से तब मिलीं जब उनके पिता उन्हें एक भारतीय आश्रम में ले गए. ह्यूमन्स ऑफ़ ह्यूमैनिटी इवेंट में हाल ही में एक साक्षात्कार में, मा आनंद शीला ने ओशो के साथ अपने जटिल संबंधों पर चर्चा की और दोनों के बीच गहरे आपसी स्नेह को स्वीकार किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका रिश्ता यौन नहीं था, जबकि कविताओं को साझा करने और 'उमराव जान' जैसी फिल्मे देखने के बारे में अंतरंग कहानियां बताईं. इन्होंने अपनी फिल्म के लिए प्रियंका चोपड़ा के बजाए आलिया भट्ट को चुना था.