शुक्रवार को ही क्यों रिलीज़ होती है बॉलीवुड की फ़िल्में? जानें क्या है असल कारण

कभी सोचा है कि अक्सर बॉलीवुड की फ़िल्में शुक्रवार को ही क्यों रिलीज़ होती है. क्या इसके पीछे है कोई खास वजह?

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भारत में ज्यादातर बड़ी फ़िल्में शुक्रवार को ही रिलीज़ होती है. इस दिन को फिल्म की ओपनिंग के लिए फिल्म निर्माता उपयुक्त मानते हैं. हालाँकि कुछ त्योहारों पर भी फिल्म रिलीज़ करने की परंपरा अब बॉलीवुड में चल रही है. जैसे दिवाली पर अक्सर शाहरुख़ खान की फिल्मे तो ईद पर सलमान खान की फ़िल्में बड़े पर्दे पर रिलीज़ होती है. लेकिन अमूमन ज्यादातर फ़िल्में शुक्रवार को ही सिल्वर स्क्रीन पर उतारा जाता है. 

क्यों चुनते हैं निर्माता शुक्रवार का ही दिन 

दरअसल शुक्रवार को वीकेंड की शुरुआत माना जाता है.  जिसका मतलब है कि अधिकांश लोगों की शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है. शुक्रवार को फिल्म रिलीज़ करने से ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ फिल्म देखने पहुंचते हैं. जिसके कारण फिल्म की कमाई अच्छी होती है और फिल्म बके बॉक्स ऑफिस पर सफल होने के चान्सेस ही बढ़ जाते हैं. इस बारे में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (जीडब्ल्यूआर) ने  अक्टूबर में कहा था कि "शुक्रवार शायद सबसे अच्छा दिन बन जाता है. शुक्रवार सप्ताह का पसंदीदा दिन रहता है। यह सप्ताहांत की शुरुआत है, और अधिकांश लोगों के लिए एक बहुप्रतीक्षित छुट्टी है"

हालाँकि फिल्म समीक्षक और फिल्मी जगत से जुड़े लोग इसके एक और पहलु के बारे में बताते है. ये कहा जाता है कि आजादी के कई वर्षों बाद तक भारत में लोगों के पास रंगीन टीवी नहीं होती थी, जिसके कारण लोग फिल्में देखने के लिए थिएटर जाते थे. इसलिए फिल्म उद्योग में कर्मचारियों को शुक्रवार को आधे दिन की छुट्टी दी जाती थी, ताकि वे परिवार के साथ फिल्में देख सकें, जो फिल्म के कलेक्शन के हिसाब से भी अच्छा था. 

हॉलीवुड से शुरू हुई परंपरा 

आम तौर पर देखा जाता है कि बॉलीवुड की फिल्मे शुक्रवार को रिलीज़ होती हैं. लेकिन आप ये जान कर हैरान हो जायेंगे कि शुक्रवार को फ़िल्में रिलीज़ करने की ये परंपरा दरअसल बॉलीवुड नहीं बल्कि हॉलीवुड से शुरू हुई है.  इसकी शुरुआत हॉलीवुड में लगभग 1940 के दौरान हुई थी. वहीं अगर बॉलीवुड की बात करें तो इस ट्रेंड की शुरुआत  5 अगस्त, 1960 को रिलीज हुई फिल्म मुगल-ए-आजम से हुई थी. दरअसल 5 अगस्त 1960 को शुक्रवार था, और इस फिल्म ने काफी सुर्खियां प्राप्त की थी. इसके बाद से ही फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों को रिलीज़ करने के लिए शुक्रवार का दिन चुनने लगें. हालाँकि  5 अगस्त, 1960 से पहले भारत में फ़िल्में रिलीज़ करने का कोई  खास दिन नहीं था. 

छुट्टियों को ध्यान में रख कर की जाती है फ़िल्में रिलीज़ 

हालाँकि ये कोई जरुरी नहीं है कि सभी फ़िल्में शुक्रवार को ही रिलीज़ होती है. हाल के दिनों में हमने बड़े त्योहारों और छुट्टियों के समय फिल्मों को रिलीज़ होते देखा है. वहीं OTT प्लेटफार्म आने के बाद अब कभी भी लोग अपने घर बैठ कर आसानी से फिल्म का लुत्फ़ उठा सकते हैं. किसी भी फिल्म के रिलीज़ के बारे में फिल्म समीक्षक और निर्माता कहते हैं कि फिल्म रिलीज की तारीख, खासकर अगर कोई फिल्म किसी त्योहार के आसपास रिलीज हो रही है, तो छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है. इसके साथ ही एक दिलचस्प पहलु ये है कि निर्माता यह भी मानते हैं कि शुक्रवार देवी लक्ष्मी का दिन होने के कारण उनके लिए धन लाएगा.