सरकार के हाथों में चली जाएगी पटौदी फैमली की 15 हजार करोड़ की संपत्ति? जानें क्या कहता है नियम

मध्य प्रदेश में स्थित पटौदी परिवार की करीब 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्ति जिसमें भोपाल के नवाब की जमीनें भी शामिल हैं अब केंद्र सरकार के अधिग्रहण के दायरे में आ सकती हैं. यह कदम तब संभव हुआ जब मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन संपत्तियों पर लगाया गया स्थगन आदेश हटा दिया.  

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Courtesy: Social Media

Pataudi family properties Bhopal: मध्य प्रदेश में स्थित पटौदी परिवार की करीब 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्ति जिसमें भोपाल के नवाब की जमीनें भी शामिल हैं अब केंद्र सरकार के अधिग्रहण के दायरे में आ सकती हैं. यह कदम तब संभव हुआ जब मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन संपत्तियों पर लगाया गया स्थगन आदेश हटा दिया.  

शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के प्रावधानों के अनुसार, केंद्र सरकार उन संपत्तियों का दावा कर सकती है जो विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने वाले व्यक्तियों की थीं. भोपाल के नवाब की संपत्तियां इसी श्रेणी में आती हैं, क्योंकि नवाब हमीदुल्लाह खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं.  

उच्च न्यायालय का आदेश और अपील 

13 दिसंबर 2024 को उच्च न्यायालय ने पटौदी परिवार को 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. हालांकि 21 जनवरी तक यह स्पष्ट नहीं था कि परिवार ने इस संबंध में कोई कदम उठाया है या नहीं. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि आदेश के पूर्ण स्पष्टीकरण के बाद ही प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा. 2015 में मुंबई स्थित शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने भोपाल के नवाब की जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया. इसके बाद सैफ अली खा, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनों सोहा अली खान और सबा अली खान समेत अन्य सदस्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. पटौदी परिवार भोपाल और रायसेन जिलों में कई संपत्तियों पर दावा करता रहा है. जिनमें कोहेफिजा का झंडा घर, अहमदाबाद पैलेस, चिकलोद की कोठी और जंगल शामिल हैं.  

पटौदी परिवार का पक्ष

पटौदी परिवार का कहना है कि ये संपत्तियां उनके अधिकार में हैं और उन्होंने इसे विरासत के रूप में प्राप्त किया है. 2019 में अदालत ने साजिदा सुल्तान को संपत्तियों की कानूनी वारिस माना जो भारत में रहीं और नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की थी. सैफ अली खान ने अपने दादा-दादी से इस संपत्ति का हिस्सा विरासत में पाया. आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के कारण केंद्र सरकार ने इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया. इसके तहत सरकार का दावा है कि विभाजन के बाद पाकिस्तान गए लोगों की संपत्तियां भारत में सरकारी संपत्ति मानी जाएंगी. पटौदी परिवार की संपत्ति का यह मामला केवल कानूनी विवाद नहीं बल्कि इतिहास, राजनीति और कानून के टकराव का प्रतिनिधित्व करता है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पटौदी परिवार और सरकार इस मामले को कैसे सुलझाते हैं.  

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