Ashwagandha Benefits: आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जो शरीर को एक दो नहीं बल्कि कई तरह से फायदा पहुंचाती हैं। इन जड़ी बूटियों को सदियों से दवाओं में इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हीं में से एक जड़ी बूटी है अश्वगंधा। अश्वगंधा ऐसा औषधीय पौधा है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक और स्वदेशी इलाज में किया जाता रहा है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को मध्य रसायन कहा गया है। अश्वगंधा के रस में कई तरह के बायोएक्टिव कम्पाउंड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। इसी प्रकार अश्वगंधा में एंटी इंफ्लेमेंटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। शुगर के रोगियों के लिए अश्वगंधा एक वरदान कही जा सकती है क्योंकि इसके सेवन से बिना साइड इफेक्ट शुगर लेवल कंट्रोल में आ जाता है।
चलिए जानते हैं कि अश्वगंधा शुगर में कैसे फायदा करती है और इसका सेवन किस तरह करना चाहिए। अश्वगंधा बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम इंडियन जिनसेंग (Indian Ginseng) या विथानिया सोमनीफेरा है। चलिए जानते हैं कि अश्वगंधा के क्या क्या फायदे होते हैं और आप इसको कैसे यूज में ला सकते हैं।
कैंसर की सेल्स को पनपने से रोकती है अश्वगंधा
अश्वगंधा की बूटी शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन की प्रजाति का निर्माण करती है। ये प्रजाति कैंसर सेल्स को रोकने और कीमोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स से शरीर को बचाने का काम करती है। अगर इसका रोज सेवन किया जाए तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के होने के जोखिम कुछ स्तर तक कम हो जाते हैं, ऐसे शोध में कहा जा चुका है।
शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है अश्वगंधा
अश्वगंधा शरीर की प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट शरीर के इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाने का काम करते हैं जिसकी मदद से शरीर को सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों के साथ साथ बाहरी संक्रमण और बैक्टीरियां से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है।
वजन कम करती है अश्वगंधा की बूटी
अश्वंगंधा की मदद से शरीर का वजन भी कम किया जा सकता है। अगर रोज आप सीमित मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो धीरे धीरे आपके शरीर की चर्बी घटने लगती है जिसके कारण वजन नियंत्रण करने में काफी फायदा मिलता है।
शुगर कंट्रोल करने में कारगर है अश्वगंधा
अश्वगंधा टाइप टू डायबिटीज रोगियों के लिए इसलिए फायदेमंद कही जाती है क्योंकि ये शरीर में जाकर इंसुलिन के उत्पादन को उत्तेजित करती है और इंसुलिन इफेक्ट को तेज करके ब्लड में शुगर का स्तर बनाए रखने में मदद करती है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अश्वगंधा का अर्क (रस) रक्त कोशिकाओं में इंसुलिन के सर्कुलेशन को तेज करता है और इसके सेवन से बढ़ा हुआ शुगर लेवल कंट्रोल में आ जाता है। इसलिए शुगर रोगियों को नियमित तौर पर अश्वगंधा का चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है।
कैसे किया जाता है अश्वगंधा का सेवन
आयुर्वेदिक दवा की दुकानों पर अश्वगंधा की बूटी और इसका चूर्ण आसानी से मिल जाता है। आप चाहें तो अश्वगंधा की ज़ड़ी बूटी लाकर अपने घर पर भी पीसकर इसका चूर्ण यानी पाउडर बना सकते हैं और इसे यूज कर सकते हैं। अश्वगंधा के चूर्ण को गर्म ठंडे पानी के साथ फांका जा सकता है। इसकी चाय बनाकर पी जा सकती है। कई लोग इसे दूध में मिलाकर भी पीते हैं और इसे पानी में मिलाकर भी पिया जा सकता है। अश्वगंधा की जड़ी बूटी को पानी में उबालकर उसका अर्क पीने से भी फायदा मिलता है। कुछ जगहों पर देसी घी में अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर खाया जाता है जिससे इसके भीतर के एंटी ऑक्सिडेंट बेहतर परिणाम देते हैं। शुगर रोगियों को अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुरूप ही करना चाहिए।