Best cooking oil: आपके घर में किस तेल में पकता है खाना? जानिए कुकिंग के लिए बेस्ट ऑयल और उसक फायदे

Best cooking oil: किचन में भोजन पकाने के लिए तेल की उतनी ही अहमियत है जितनी नमक और मसालों की। खासकर भारत में जहां जमकर पूरी पराठे खाए जाते हैं वहां किचन में भोजन पकाने का तेल काफी यूज होता है। लेकिन क्या ये तेल हमारी सेहत को सूट कर रहा है? हम जिस तेल […]

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Best cooking oil: किचन में भोजन पकाने के लिए तेल की उतनी ही अहमियत है जितनी नमक और मसालों की। खासकर भारत में जहां जमकर पूरी पराठे खाए जाते हैं वहां किचन में भोजन पकाने का तेल काफी यूज होता है। लेकिन क्या ये तेल हमारी सेहत को सूट कर रहा है? हम जिस तेल में भोजन पका रहे हैं वो हमारी हैल्थ और हार्ट के लिए कितना फायदेमंद है, ये जानना हर किसी के लिए जरूरी हो जाता है, क्योंकि कुकिंग तेल का हमारी सेहत पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है। हर किचन में लगभग दो से तीन बार खाना पकता है और हर बार तेल में खाना पकता है, ऐसे में ये तेल हमारे शरीर में जाकर क्या कर रहा है, ये जानने के साथ साथ हमारे शरीर के लिए बेहतर कुकिंग ऑयल कौन सा है, ये भी जानना जरूरी है। चलिए आज जानते हैं कि किचन में कुकिंग के लिए किस तरह का तेल शरीर और दिल के लिए फायदेमंद होता है और किस तेल से वजन बढ़ सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि किचन में ज्यादा कुकिंग ऑयल इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इससे शरीर में फैट बढ़ता है और दिल को खतरा हो जाता है। दरअसल कुकिंग ऑयल में ढेर सारा फैट पाया जाता है, हालांकि कुछ फैट्स शरीर के लिए अच्छे और जरूरी होते हैं लेकिन अगर ये फैट ज्यादा होने लगे तो शरीर को नुकसान कर सकता है। घरों में यूज होने वाले तेल में इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती है जो शरीर के लिए अच्छी कही जाती है वही दूसरी तरफ इन तेलों में पाए जाने वाले सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स वाले तेल दिल और सेहत को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए अच्छी क्वालिटी के तेल का चुनाव करना जरूरी हो जाता है क्योंकि इन तेलों का सीधा दिल पर असर होता है।

कैसा तेल रहेगा बेस्ट
हेल्थ एक्सपर्ट खाना पकाने के लिए ऐसे तेल की वकालत करते हैं जिसमें सैचुरेटेड फैट्स कम मात्रा में हों। ऐसे तेल वजन को भी कंट्रोल करते हैं और दिल की सेहत को भी सही रखते हैं। इन तेलों को भोजन के लिए यूज करना बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यूं तो हर तेल में एक स्मोक पॉइंट होता है। स्मोक पाइंट यानी वो तापमान जिस पर तेल गर्म होने पर धुआं पैदा करने लगता है। ऐसे में देखा जाए तो कुछ तेल ज्यादा तापमान के लिए बेहतर साबित होते हैं। वहीं कुछ तेल ऐसे होते हैं जिन्हें गर्म करने पर जहरीला धुआं निकलता है जो सेहत के लिए खतरनाक बन जाता है। ऐसे तेलों को हीट नहीं किया जाता है।

जिन लोगों को अपने दिल की सेहत की ज्यादा चिंता रहती है, ऐसे लोगों को बादाम, हेजलनट, सूरजमुखी और रिफाइंड ऑलिव के तेल का सेवन करना अच्छा कहा जाता है। ये तेल ज्यादा हीट पर भी अच्छे होते हैं। वहीं अगर हम अपनी फेवरेट फ्राई पकवानों की बात करें तो कैनोला का तेल बेस्ट होता है। इसके अलावा अंगूर के बीज का तेल और जैतून का तेल बेकिंग के लिए अच्छा होता है। इन तेलों को हम फुल फ्राई भोजन के लिए भी यूज कर सकते हैं।

कम हीट पर फायदा करने वाले तेलों की बात करें तो मक्के का तेल, कद्दू के बीज का तेल और सोयाबीन का तेल कम गर्मी में बेक करने के लिए बेस्ट माने जाते हैं। इन तेलों का हीट स्मोक पॉइंट मध्यम होता है।

जैतून के तेल के फायदे
भारतीय घरों की बात करें तो जैतून का तेल काफी फायदेमंद होता है। इसे हाई हीट पर गर्म करने पर भी फायदा मिलता है और इससे फ्राइड भोजन भी आसानी से बन जाता है। खास बात ये है कि इसमें कोलेस्ट्रोल को काबू करने के गुण हैं औऱ इसके सेवन से शरीर में गुड कैलोस्ट्रोल का स्तर बढ़ता है जो दिल के लिए अच्छा कहा जाता है।

सरसों के तेल के फायदे
इंडिया में अस्सी फीसदी घरों में भोजन सरसों के तेल में बनाया जाता है। सरसों का तेल सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। सरसों के तेल के सेवन से सैचुरेटेड फैट में कमी की जा सकती है। सरसों के तेल में पाया जाने वाला मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड में हाई होता है और ये दिल के लिए अच्छा कहा जाता है। इतना ही नहीं सरसों का तेल शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करने के लिए जाना जाता है। सब्जियां अक्सर इसी तेल में बनाई जाती है।

देसी घी का उपयोग क्या फायदा करता है
भारतीय घरों में बच्चों और बड़ों के लिए नाश्ता बनाते वक्त देसी घी का इस्तेमाल होता आया है। इससे पूरी पराठे और अन्य चीजें बनती है। देसी घी की बात करें तो पहली बात ये कि ये घी शुद्ध होना चाहिए तभी फायदा करेगा। देसी घी के फायदों की बात करें तो इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है दिल की बीमारियों को दूर रखने में मददगार साबित होता है। देसी घी के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखा जा सकता है और इसके सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को भी कम रखने में आसानी होती है। लेकिन जिन लोगों का वजन ज्यादा है, उनको देसी घी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। दरअसल देसी घी में पाया जाने वाला सैचुरेटेड फैट् हार्ट के खतरे बढ़ा भी सकता है और इसके ज्यादा सेवन से वजन भी बढ़ सकता है।