थायरॉइड को कंट्रोल करने में मदद करेंगे ये योगासन, जानिए इन्हें नियमित तौर पर करने का सही तरीका

खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के चलते थायरॉइड की बीमारी आज के दौर में तेजी से पैर फैला रही है।पुरुषों की अपेक्षा थायरॉइड की बीमारी महिलाओं को ज्यादा अपना शिकार बनाती है। देखा जाए तो थायरॉइड की बीमारी दो प्रकार की होती है, पहली हाइपर और दूसरा हाइपो थायरॉइड। दोनों की स्थिति में आयोडीन की […]

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खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के चलते थायरॉइड की बीमारी आज के दौर में तेजी से पैर फैला रही है।पुरुषों की अपेक्षा थायरॉइड की बीमारी महिलाओं को ज्यादा अपना शिकार बनाती है। देखा जाए तो थायरॉइड की बीमारी दो प्रकार की होती है, पहली हाइपर और दूसरा हाइपो थायरॉइड। दोनों की स्थिति में आयोडीन की कमी प्रमुख होती है और इसके चलते गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि ठीक मात्रा में थायरॉइड हार्मोन उत्पादन नहीं कर पाती और इसकी वजह से मरीज का वजन कभी बहुत कम हो जाता है औऱ कभी वजन बढने लगता है। आपको बता दें कि आयोडीन की कमी के अलावा इम्यूनिटी की कमी और असंतुलित लाइफस्टाइल के चलते ये बीमारी सारी उम्र चलती है। अगर शरीर में थायरॉइड की बीमारी क्रिटिकल हो जाए तो फर्टिलिटी की दिक्कत आती है और महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कतें आती हैं. इसके अलावा वजन बढ़ना-घटाना, शरीर में दर्द और दिल से संबंधित बीमारियां भी व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं।

देखा जाए तो थायरॉइड की बीमारी में दवा के साथ साथ संतुलित डाइट, नमक का सही सेवन और सधी हुई लाइफस्टाइल का पालन जरूरी है। लेकिन योग के जरिए भी थायरॉइड में राहत पाई जा सकती है। जी हां, कुछ योगासन थायरॉइड की बीमारी में काफी राहत देतें है औऱ इससे बीमारी में काफी आराम मिल सकता है। चलिए जानते हैं कि वो कौन कौन से योगासन है जो थायरॉइड की बीमारी में राहत देते हैं।

भ्रामरी
भ्रामरी आसन थायरॉइड को नियंत्रित करने में काफी कारगर माना जाता है। इसे आम भाषा में हमिंग बी ब्रीथ के नाम से भी पहचाना जाता है और इस व्यायाम को करने से गले में श्वास तंत्रिका मजबूत होती है। इस व्यायाम को करने से गर्दन का अच्छा व्यायाम हो जाता है और दिमाग को भी काफी आराम मिलता है। इसे करने के लिए शांत और अच्छी हवादार जगह पर बैठना चाहिए। बैठने के बादअपनी आंखें बंद कर लें और अपनी दोनों तर्जनी उँगलियों को अपने दोनों कानों पर रख लें। इसके पश्चात मुंह को बंद रखते हुए नाक से ही सांस लेनी है और मुंह से ही सांस को छोड़ना है। आप सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण भी कर सकते हैं, इससे दिमाग को भी आराम मिलेगा। एक बार में भ्रामरी करते वक्त पांच से सात बार इस प्रोसेस को करना है और इस व्यायाम को नियमित तौर पर करने से काफी फायदा होगा।

उज्जायी
उज्जायी योगासन केवल हाइपोथायरायडिज्म में ही आराम नहीं करता, इसे करने से हाइपरथायरायडिज्म में भी काफी फायदा होता है। उज्जायी योगासन गले में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करने में मदद करता है जिससे गले में घर्षण ज्यादा पैदा होता है और इसकी मदद से गले में थायरॉइड ग्लैंड उत्तेजित होने लगते हैं। योग एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर इस योगासन को नियमित तौर पर किया जाए तो ये थाइरॉइड पूरी तरह जड़ से खत्म करने में कारगर साबित हो सकता है। इसलिए अगर आप थायरॉइड से ज्यादा परेशान हैं तो इस आसन को आपको अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए।

सिंहासन
सिंहासन भी थायरॉइड में काफी लाभकारी योगासन माना जाता है। इस योगासन की मदद से ना केवल वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है बल्कि इसके साथ ही चेहरे, आंखों व गर्दन को अच्छी स्ट्रेचिंग मिलती है। इस योगासन की मदद से गर्दन में ब्लड सर्कुलेशन तेज होने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने घुटनों को समान दूरी पर रखकर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों की हथलियों को पैरों के घुटनों पर रख दें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए एक लंबी और गहरी सांस लें। अब जीभ को जितना हो सके, उतना ही बाहर की तरफ निकालें और सांस को छोड़ते समय “हा” की आवाज निकाले लें और फिर रिलेक्सिंग मोड में आ जाएं।

कपालभाति
थायरॉइड की बीमारी में कपालभाति बहुत ही बेहतर व्यायाम कहा जाता है। इससे ना केवल शरीर में से गंदगी और टॉक्सिन डिटॉक्स होते हैं बल्कि इसकी मदद से मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। इस योगासन से चेहरे और गर्दन के अलावा गले की थायरॉइड ग्रंथियां भी मजबूत औऱ उत्तेजित होती है जिससे थायरॉइड की बीमारी में काफी आराम मिलता है। बेहतर रिजल्ट के लिए इस योगासन को रोज दस से पंद्रह मिनट तक करना चाहिए। इसे करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए चित्त मुद्रा बनाएं। अब अपनी गहरी सांस अंदर की ओर खींच लें और फिर एक झटके से सांस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींच लें। इस प्रोसेस को कुछ मिनटों तक लगातार करते रहें।