महिलाओं में बढ़ता सर्वाइकल कैंसर: शुरुआत के लक्षण और बचाव के उपाय

सर्वाइकल कैंसर आज महिलाओं के बीच बढ़ रही एक भयानक और गंभीर बीमारी बन चुकी हैं. यह बीमारी लोअर बॉडी में मौजूद सर्विक्स में होता है, अगर इसे सही समय पर पहचान लिया जाए तो इसे रोका जा सकता हैं. आइए जानें की ये कैंसर क्यों होता हैं, और इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के उपाय?

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

सर्वाइकल कैंसर आज महिलाओं के बीच बढ़ रही एक भयानक और गंभीर बीमारी बन चुकी हैं. यह बीमारी लोअर बॉडी में मौजूद सर्विक्स में होता है, अगर इसे सही समय पर पहचान लिया जाए तो इसे रोका जा सकता हैं. आइए जानें की ये कैंसर क्यों होता हैं, और इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के उपाय?

यह कैंसर महिलाओं के लोअर बॉडी में मौजूद सर्विक्स को प्रभावित करता हैं. इसका सबसे बड़ा कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) होता हैं, एक ऐसा वायरस जो लंबे समय तक शरीर में छुपा रह सकता है और धीरे-धीरे कैंसर का रुप ले सकता हैं. कुछ समय में भारत में सर्वाइकल कैंसर की बढ़त देखी गई हैं.  भारत में हर साल हजारों महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं, जैसा की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती हैं. अच्छी खबर यह हैं की अगर इसे समय पर पहचान लिया जाए तो इससे बचा जा सकता हैं. लेकिन देर होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता हैं.

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में गायनेकोलॉजी विभाग की डॉ. सलोनी चड्ढा बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण HPV संक्रमण है. साथ ही कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण शरीर इस वायरस से लड़ नहीं पाता है, जिससे इसका असर बढ़ जाता है. धूम्रपान करने वाली महिलाओं में भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक होता है, क्योंकि तंबाकू में मौजूद हानिकारक तत्व इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं. कई बार प्रेग्नेंट महिलाओं में भी इसका खतरा ज्यादा होता है क्योंकि हॉर्मोन और सर्विक्स पर अधिक दबाव पड़ता हैं. लंबे समय तक ओरल कान्ट्रासेप्टिव पिल्स के सेवन से भी हार्मोनल इबैलेंस की समस्या हो सकती है, जिससे सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.

शुरुआती लक्षण जो चेतावनी देते हैं

'असामान्य ब्लीडिंग': अगर कभी भी पीरियड्स के बीच, इंटरकोर्स के बाद या फिर मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो रही है तो ऐसी चीजों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, ये सर्वाइकल कैंसर का भी लक्षण हो सकता हैं.

'अजीब डिस्चार्ज': वजाइना से अगर गाढ़ा सफेद या लाल डिस्चार्ज हो रहा है, तो यह भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है.

'पेट में दर्द': पेट के निचले हिस्से में बेवजह दर्द या तकलीफ महसूस होना भी इसका लक्षण हो सकता है.

'संभोग के दौरान परेशानी': इंटरकोर्स के समय दर्द होना या फिर ब्लीडिंग होना भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है.

'पेशाब से जुड़ी समस्याएं': पेशाब के दौरान जलन महसूस होना या पेशाब में खून आना भी इसका लक्षण हो सकता है.

'शारीरिक कमजोरी': शरीर में कमजोरी महसूस होना और तेजी से वजन कम होना भी इसका लक्षण हो सकता है.

अगर इनमें से कोई भी संकेत दिखे, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें. यह छोटा कदम आपकी जिंदगी बचा सकता है.

बचाव के सुनहरे तरीके

सर्वाइकल कैंसर से जंग जीतने के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है. इन उपायों को अपनाएं:

HPV वैक्सीन: 9 से 26 साल की उम्र में यह टीका लगवाएं. यह वायरस के खिलाफ मजबूत ढाल बनाता है.

पैप स्मीयर टेस्ट: 21 साल की उम्र से हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराएं. यह कैंसर को शुरू में ही पकड़ने का आसान तरीका है.

सुरक्षा पहले: संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल HPV के खतरे को कम करता है.

धूम्रपान को अलविदा: सिगरेट छोड़ने से कैंसर का जोखिम घटता है.

Tags :