Congenital Heart Defects: दिल में छेद होने की बिमारी को कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स कहते हैं. आजकल हार्ट से जुड़ी बीमारी लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है जो कि एक गंभीर समस्या है. यह बीमारी जन्मजात होती है जो एक गंभीर समस्या है. जिन लोगों की दिल में छेद की समस्या होती है वो जन्म से ही होती है.
दिल में छेद होने के कारण नवजात शिशु के शरीर का विकास ठीक ढंग से नहीं हो पाता है. हालांकि कई लोग ऐसे भी होते हैं जो इस बीमारी का शुरुआती दौर में पहचान नहीं पाते हैं जिस कारण उस बच्चे की मौत भी हो जाती है. ऐसे सबसे ध्यान देने वाली बात ये है कि आप समय रहते इस बीमारी की पहचान कर उसका इलाज करवाएं. कई बार ऐसा भी होता है कि दिल में होने वाले छेद अपने भर भी जाते हैं.
दिल में छेद के लक्षण-
दिल में छेद का पता चलते ही सही समय पर इलाज न कराने से आगे जाकर यह जानलेवा साबित हो सकता है. दिल में छेद होने का अर्थ है हार्ट के बीच वाली दीवार में छेद होना. दिल में छेद होने से ब्लड एक चैम्बर से दूसरे चैम्बर में खुद से लीक होने लगता है. हालांकि ये लक्षण शुरुआती समय में शिशुओं में नजर नहीं आता है. इसकी पहचान करने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है.
दिल में छेद होने पर शरीर पर दिखते हैं ये खतरनाक लक्षण-
शिशुओं के दिल में छेद होने पर बॉडी हमेशा गर्म रहता है. गर्मी के मौसम में भी ठंड लगती है.
दिल में छेद होने पर बोलते या चलते समय सांस लेने में समस्या हो सकती है साथ ही बच्चों को बोलने में भी परेशानी हो सकती है.
दिल में छेद होने पर बच्चे का रंग नीला पड़ जाता है इसके अलावा होंठो और नाखूनों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है.
दिल में छेद होने वाले बच्चों का वजन जल्दी नहीं बढ़ता है साथ ही बच्चा हर वक्त रोते रहता है.