Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर एक प्रकार का कैंसर होता है, जिसमें फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं अंकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती हैं. वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड के अनुसार 2022 में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 2.4 मिलियन से भी ज्यादा नए केस सामने आए हैं. जिनमें से अधिकांश धूम्रपान के कारण हुए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर का अक्सर उन्नत चरणों में निदान किया जाता है जब उपचार के विकल्प सीमित होते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं.
लगातार खांसी जो ठीक नहीं होती या समय के साथ खराब हो जाती है. फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकती है. अगर आपको हफ़्तों तक खांसी रहती है. तो आपको अपनी जांच करवानी चाहिए.
फेफड़ों का कैंसर वायुमार्ग को बाधित कर सकता है और फेफड़ों के काम करने के तरीके को खराब कर सकता है. इससे सांस लेने में तकलीफ़ या सांस लेने में कठिनाई होती है. यह कम से कम परिश्रम या आराम के दौरान भी हो सकता है. अगर आपको बिना किसी कारण के सांस फूलने की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.
छाती में दर्द या बेचैनी, खासकर अगर यह गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने से बढ़ जाती है. तो यह संकेत हो सकता है कि कैंसर छाती में आस-पास की संरचनाओं जैसे कि प्लुरा या पसलियों को प्रभावित कर रहा है.
अगर आप आहार या व्यायाम में बदलाव किए बिना अनजाने में वजन कम कर रहे हैं, तो यह फेफड़ों के कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कैंसर कोशिकाएं शरीर की ऊर्जा और पोषक तत्वों का उपयोग करती हैं जिससे वजन कम होता है.
अगर कैंसर वॉयस बॉक्स (स्वरयंत्र) को नियंत्रित करने वाली नसों को प्रभावित करता है, तो यह आपकी आवाज़ में कर्कशता या लगातार बदलाव का कारण बन सकता है. अगर आपको अपनी आवाज़ में कोई नया या बिना किसी कारण के बदलाव महसूस होता है. खास तौर पर अगर यह कुछ हफ़्तों से ज़्यादा समय तक रहता है, तो अपनी जांच करवाएं.
फेफड़ों के कैंसर से निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसे संक्रमणों का जोखिम बढ़ सकता है. अगर आपको बार-बार श्वसन संक्रमण होता है या उनसे उबरने में परेशानी होती है, तो यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है.