Food Poisoning in Summer: सेहत की नजर से देखा जाए तो गर्मियों (Summer)की अपेक्षा सर्दियों का मौसम ज्यादा अच्छा होता है क्योंकि इस दौरान खाया पिया सब पच जाता है। गर्मी के मौसम में जरा सी असावधानी पेट खराब कर डालती है। गर्मी के मौसम में खासकर लोग फूड प्वॉइजनिंग (Food Poisoning in summer) का ज्यादा शिकार होते हैं। अनहाइजीनिक और प्रदूषित भोजन फूड प्वॉइजनिंग का एक मुख्य कारण कहा जा सकता है। गर्मियों में गर्म मौसम के चलते भोजन जल्दी बासी और खराब होता है जिसके सेवन के बाद फूड प्वॉइजनिंग हो जाती है और शरीर का बैंड बज जाता है। इसलिए गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा मरीज फूड प्वॉइजनिंग की शिकायत लेकर डॉक्टर के यहां पहुंचते है। चलिए आज जानते हैं कि फूड प्वॉइजनिंग क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे किस तरह बचा जा सकता है।
क्यों होती है फूड प्वॉइजनिंग Food Poisoning cause
फूड प्वॉइजनिंग का मुख्य कारण प्रदूषित भोजन है। ज्यादा गर्मी के चलते आजकल भोजन जल्दी खराब हो जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि जब खाना खराब हो जाता है, उस वक्त उसमें विषैले बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि अपना घर बना लेते हैं। ऐसे में जब ये भोजन पेट में जाता है तो पाचन तंत्र कमजोर होकर संक्रमित हो जाता है। पाचन तंत्र खराब होने पर उल्टी, दस्त, डायरिया, मरोड़, पेट में दर्द आदि की समस्या होती है। गर्मी के मौसम में सबसे पहले खराब होने वाले भोजन में डेयरी प्रोडक्ट्स आते हैं। ये बहुत जल्दी खराब होते हैं और इसमें सबसे जल्दी बैक्टीरिया पनपपते हैं। कई बार हम भोजन को बचने के बाद फ्रिज में नहीं रखते और ऐसे ही खा लेते हैं। दूसरी तरफ कई बार फ्रिज में कई दिन से रखा भोजन निकाल कर बिना गर्म किए ही खा लेते हैं। इससे बैक्टीरिया हमारे पेट के अंदर पहुंच जाते हैं और फूड प्वॉइजनिंग हो जाती है। दो तीन दिन रखा बासी भोजन करने की आदत भी फूड प्वॉइजनिंग का शिकार बनाती है।
फूड प्वॉइजनिंग के लक्षण Food Poisoning symptoms
फूड प्वॉइजनिंग के बहुत ही सामान्य लक्षण हैं। ये लक्षण पहली नजर में देखने पर पेट खराब होने के लक्षण दिखते हैं लेकिन जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो डॉक्टर के पास जाने की नौबत आ जाती है।
फूड प्वॉइजनिंग में पेट दर्द होता है, इसके अलावा पेट में तेज मरोड़, ऐंठन होती है।
फूड प्वॉइजनिंग में उल्टी और मतली आती है, कुछ भी खाने पीने के बाद उल्टी हो जाती है।
मरीज के वक्त हर वक्त सिर में दर्द होने लगता है।
पानी की कमी से थकान होने लगती है और कुछ भी काम करने से पहले थकान महसूस होती है।
मरीज को दस्त लग जाते हैं। दस्त दिन में कई बार परेशान करते हैं और साथ ही पेट दुखता है।
मरीज डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है और उसका शरीर पर असर दिखने लगता है।
पानी की कमी से शरीर औऱ त्वचा रूखी दिखने लगती है और बार बार मुंह सूखने लगता है।
फूड प्वॉइजनिंग से बचाव कैसे होगा How to prevent from Food Poisoning
फूड प्वॉइजनिंग से बचाव करना बहुत ही आसान है। गर्मी के मौसम में फूड प्वॉइजनिंग से बचने के लिए आपको अपनी खानपान की आदतों में बदलाव लाना होगा। आपको खाना बनाने के दौरान हाइजीन यानी साफ सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए। खाना बनाते समय और खाना खाते समय अपने हाथ जरूर साफ करने चाहिए। खाना साफ किचन में बनाना चाहिए। बासी चीजों को भोजन में नहीं डालना चाहिए
जो सब्जियां खराब हो चुकी हैं, उनको पकाने से बचना चाहिए।
इस मौसम में जंक और प्रोसेस्ड फूड से से परहेज करके फूड प्वॉइजनिंग से बचाव हो सकता है।
इस मौसम में बासी भोजन का सेवन करने से पहरेज करना चाहिए।
इस मौसम में बाहर का भोजन करने से बचना चाहिए।
जब भी भोजन करें तो ताजा भोजन ही करें।
डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते समय खास ध्यान देना चाहिए।
फ्रिज में ज्यादा दिन से रखे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
बन चुके भोजन को ज्यादा देर बाहर रखने की बजाय फ्रिज में रख देना चाहिए।
फ्रिज से भोजन निकालने के बाद उसे फिर से अच्छी तरह गर्म करना चाहिए।