Hypertension Affests Kidney Health: जब आपका हार्ट ब्लड पंप करता है तो ब्लडवेसल की दीवारों पर ब्लड के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं. शरीर से गुजरते समय ब्लड द्वारा ब्लड वेसल पर लगाए जाने वाले बल में वृद्धि को उच्च ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है. ये समस्या तब बन जाती है जब बार-बार जाँच करने पर बीपी रीडिंग लगातार 130/80 से ऊपर होती है. सबसे ऊपर का मान सिस्टोलिक बीपी है जो हार्ट के धड़कने और वेसल के माध्यम से ब्लड को धकेलने के दौरान दबाव को दर्शाता है. सबसे नीचे का मान हार्ट की धड़कनों के बीच ब्लड वेसल के शिथिल होने के दौरान दबाव को दर्शाता है.
माना जाता है कि ब्लड प्रेशर का बढ़ना और घटना दोनों ही बेहद खतरनाक बताई जाती है. इससे आपको किडनी से संबंधित कई परेशानियां हो सकती है. हाई बीपी किडनी को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. जिसका सही समय पर सही इलाज करना जरुरी है.
हाई बीपी आपेक किडनी में ब्लड वेसल को संकुचित और संकीर्ण कर देती है. जिससे ब्लड प्रवाह कम हो जाता है और किडनी के लिए ठीक से काम करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा यह किडनी में ब्लड को फ़िल्टर करने के लिए ज़िम्मेदार छोटी ब्लडवेसल को नुकसान पहुंचा सकती है. खराब किडनी आपके शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में असमर्थ होते हैं. इससे ब्लड प्रेशर और बढ़ सकता है. हाई बीपी के कारण होने वाले नुकसान के परिणामस्वरूप शरीर में अतिरिक्त नमक और तरल पदार्थ जमा हो जाता है. जो किडनी फेलियर का कारण बन सकता है. उच्च ब्लड प्रेशर वाले लगभग 5 में से 1 वयस्क को क्रोनिक किडनी रोग हो सकता है.
अगर आपके किडनी में कोई समस्या होती है तो आपके शरीर कुछ लक्ष्ण काफी तेजी से दिखने शुरु हो जाएंगे. शरीर के निचले अंगों, हाथों और चेहरे में सूजन या एडेलमैन होना शुरू हो जाएगा. भूख न लगना, थकान होना, सिरदर्द होना, पेशाब में परेशानी होना, त्वचा में खुजली और सूखापन और सांस की तकलीफ भी आने लगेगी.
इन सभी समस्याओं से बचने के लिए वजन बनाए रखें (बीएमआई 25 से कम), धूम्रपान छोड़ें, तनाव कम लें, अतिरिक्त नमक से परहेज़ करें, स्वस्थ आहार लें और पर्याप्त नींद लेने से ये समस्याएं कम हो सकती है. हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट से संबंधित कई बीमारियां हो सकती है. कई मामलों में हार्ट फेलियर भी देखा गया है.