World Liver Day 2025: दुनिया भर में 19 अप्रैल के दिन वर्ल्ड लिवर डे के रुप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों के बीच लिवर के स्वास्थ्य के बारे में जागरुकता फैलाई जाती है. लोगों को इसके लक्षणों और उसे रोकने के उपायों के बारे में बताया जाता है. जिससे की लिवर की समस्या लोगों में कम हो सके.
भारत में बदलते जीवनशैली की वजह से लोगों में फैटी लिवर की समस्या बढ़ती जा रही है. फैटी लिवर के कारण लिवर की अन्य समस्याओं में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इन समस्याओं को रोकने के लिए अपने जीवनशैली में बदलाव जरुरी है.
वर्ल्ड लिवर डे पर इस बार का थीम 'भोजन ही औषधि है'. जिसका मकसद संतुलित आहार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास है. स्वस्थ भोजन किस तरह लिवर के स्वास्थ्य में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, यह लोगों को समझाना होगा. मोटापा, मधुमेह, फैटी लीवर और उच्च कोलेस्ट्रॉल इस हद तक बढ़ रहे हैं कि वे महामारी बन रहे हैं. यह अब बुजुर्गों की बीमारी नहीं है. आर्थिक विकास में शामिल एक युवा, उत्पादक कार्यबल लिवर रोग से प्रभावित हो रहा है.
मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड लिवर डिजीज (MASLD) फैटी लिवर रोग को दिया गया नाम है, जो उपरोक्त स्वास्थ्य समस्याओं (मोटापा, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल) से जुड़ा है. MASLD एडवांस लिवर रोग (सिरोसिस, यकृत का निशान) का कारण बन सकता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह यकृत कैंसर का अग्रदूत बन सकता है. दुर्भाग्य से प्रारंभिक अवस्था में इन रोगों के बारे में पता. यह समझना उत्साहजनक है कि इस रोग को प्रारंभिक अवस्था में रोका जा सकता है और उलटा किया जा सकता है. यह स्वस्थ जीवनशैली, स्वस्थ पोषण और जागरूकता का मामला है.यह जागरूकता लोगों के बीच पैदा की जानी चाहिए. इस वर्ल्ड लिवर डे हमें इस केंद्रित जागरूकता को बनाने और सरल उपायों के बारे में सभी पर प्रभाव छोड़ने का अवसर देता है जो हमारे लिवर को स्वस्थ रखने में बड़ा अंतर ला सकते हैं.