Lumpy Skin Disease: पिछले साल लंपी वायरस का कहर पूरे देश में देखने को मिला था. उस दौरान हर राज्य में हजारों की संख्या में पालतू जानवरों की मौत हुई थी. इस बीच एक बार फिर से इस वायरस का कहर भारत के कई राज्यों में खासकर छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा है, इस वायरस से संक्रमित होकर बड़ी संख्या में गाय-बैल मर रहे हैं.
आपको बता दें कि, लंपी वायरस एक स्किन वायरल वायरस है जो मुख्य रूर से त्वचा रोग है जो जानवरों को विशेष रूप से प्रभावित करता है. यह खून चूसने वाले कीड़ों जैसे मक्खियों, मच्छरों की कुछ प्रजातियों और किलनी से फैलता है. इस बीमारी के शुरुआती लक्षण में पशुओं को बुखार आना , त्वचा पर गांठ पड़ जाना है जिससे मौत भी हो सकती है.
क्या है लंपी वायरस-
लंपी वायरस जो विशेषकर त्वचा रोग वायरस के रूप में भी जाना जाता है. यह वायरस वास्तव में एक प्रकार का पॉक्स वायरस है जिसके वजह से जानवर टिक्स से बुरी तरह संक्रमित हो जाते हैं. यह पशुओं के फर को नुकसान पहुंचाने लगता है जिससे पशुओं को बुखार भी आ जाता है. इस वायरस के होने से पशुओं में दूध का उत्पादन कम होने लगता है साथ ही त्वचा में गांठ पड़ने लगती है.
इसके अलावा जानवरों को भूख नहीं लगती और आंखों से पानी आने लगता है. अगर इस बीमारी से ज्यादा समय तक कोई गाय संक्रमित है तो बांझपन की भी समस्या देखी जा सकती है.
इन तरीकों से पाएं लंपी वायरस से निजात-
अगर आप भी पशुओं को पालते हैं तो और उसमें इस तरह के लक्षण दिखते हैं तो पशु चिकित्सकों से तुरंत सलाह लें. इसके साथ ही आपको अन्य पशुओं पर भी कड़ी नजर रखने चाहिए और इसके दुध का सेवन नहीं करना चाहिए. गांठदार वायरस के लक्षणों का इलाज करने के लिए जानवरों के घाव को देखभाल के लिए स्प्रे, पेन किलर और एंटीबायोटिक दवा दिए जाते हैं.