Kidney Health: दिल्ली ही नहीं देश के कई राज्यों में प्रदूषण लोगों के लिए भारी समस्या बन चुकी है. इससे लोगों को कई तरह की स्वास्थ संबंधी परेशानी होती है. खास कर लोगों में सांस और हार्ट की समस्या देखी जाती है. हालांकि हम आपको बता दें कि इस प्रदूषण का असर आपके किडनी पर भी पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि वायु प्रदूषण किडनी के लिए कैसे खतरे का कारण बन सकता है और इससे बचाव के लिए कौन से कदम उठाए जा सकते हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक वायु प्रदूषण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्वों का लंबे समय तक संपर्क किडनी पर गंभीर असर डाल सकता है. यह प्रदूषण सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकता है.जो किडनी सहित अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही हाई बल्ड प्रेशर या डायबिटीज जैसी समस्याएं हैं तो उनका जोखिम और भी बढ़ जाता है.
डॉक्टर का मानना है कि जो लोग पहले से ही क्रोनिक किडनी रोग (CKD) से पीड़ित हैं, उनके लिए खराब वायु गुणवत्ता उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकती है. प्रदूषक तत्व रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं और सूजन के स्तर को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे किडनी की स्थिति और खराब हो सकती है.वायु प्रदूषण से ऑक्सीडेटिव तनाव होता है जो किडनी में सूजन और किडनी पथरी के बनने में योगदान कर सकता है. इसके अलावा प्रदूषक तत्व जैसे सीसा और आर्सेनिक रक्तप्रवाह में जम सकते हैं. ये टॉक्सिक पदार्थ आपके किडनी के कार्य करने की छमता पर असर डाल सकता है.
प्रदूषण आपके इम्यून सिस्टम पर भी असर डालता है. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है और समय के साथ यह किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकता है. प्रदूषण के कारण गुर्दे पर तनाव का संकेत देने वाले कुछ सामान्य लक्षण को ध्यान रखा जाए तो इससे हम बच सकते हैं. अगर आपके मांसपेशियों में ऐंठन, भूख न लगना, सूखी और खुजली वाली त्वचा, पीठ दर्द, सूजी हुई आंखें, सांस में तकलीफ और पेशाब में समस्या होती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च AQI वाले दिनों में बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना ही है तो N95 मास्क का उपयोग करें. अपने घर के अंदर वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और खिड़कियां बंद रखें. अपने डाइट में खट्टे फल, हल्दी, लहसुन और नट्स को अपनी डाइट में शामिल करें. साथ ही शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है.