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सर्दियों में बढ़ सकती है प्रोस्टेट की समस्या, जानें कारण और उपचार

प्रोस्टेट ग्रंथि एक महत्वपूर्ण अंग है जो वीर्य के तरल को उत्पन्न करती है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है यह ग्रंथि बड़े आकार में बढ़ सकती है. जिसे सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है. इसका परिणाम पेशाब के रास्ते के संकुचन के रूप में होता है.

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Courtesy: Social Media

Prostrate Problems: सर्दियों के दिनों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुज़ुर्गों में सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) या प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना एक आम समस्या माना जाता है. इस दौरान ठंड और अन्य कारणों से प्रोस्टेट समस्याओं को और बढ़ा सकते हैं. जिससे पेशाब करने से मूत्र असुविधा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं. 

प्रोस्टेट ग्रंथि एक महत्वपूर्ण अंग है जो वीर्य के तरल को उत्पन्न करती है, जो स्खलन के दौरान शुक्राणु के परिवहन में मदद करता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है यह ग्रंथि बड़े आकार में बढ़ सकती है. जिसे सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है. इसका परिणाम पेशाब के रास्ते के संकुचन के रूप में होता है. जिससे पेशाब करने में कठिनाई, रात में बार-बार पेशाब आना और कभी-कभी पेशाब ना होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. सर्दियों के दौरान इन समस्याओं में और वृद्धि हो सकती है. 

बढ़ सकती है समस्या

1. तापमान में गिरावट और रक्त प्रवाह पर असर: सर्दियों के दौरान ठंड के कारण पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह कम हो सकता है. जिससे प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन और असुविधा हो सकती है. रक्त वाहिकाओं का संकुचन (वासोकोनस्ट्रिक्शन) प्रोस्टेट समस्याओं को बढ़ा सकता है.
   
2. शारीरिक गतिविधि में कमी: सर्दी के मौसम में कई वरिष्ठ नागरिक शारीरिक गतिविधियों से बचने लगते हैं जो BPH जैसी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है. व्यायाम की कमी से पेशाब संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.
   
3. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली: ठंड के मौसम में वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इससे प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन और अन्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

इन बातों का रखें ध्यान 

  • सही कपड़े पहनना: सर्दी में उचित रूप से कपड़े पहनने से पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह बनाए रखने में मदद मिल सकती है. यह प्रोस्टेट की समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है.
  • जल्दी पेशाब करने की आदत: शराब पीने के बाद पेशाब करने में देरी न करें. यह मूत्राशय और प्रोस्टेट पर दबाव डाल सकता है.
  • हर्बल चाय का सेवन: कैफीनयुक्त और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों के बजाय हर्बल चाय का सेवन करें, जो मूत्राशय को परेशान नहीं करते और प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सहायक होते हैं. 
  • संतुलित आहार: टमाटर, जामुन, हरी सब्जियाँ और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. मसालेदार भोजन और शराब का सेवन सीमित करें, क्योंकि ये प्रोस्टेट की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं.
  • पेल्विक फ्लोर व्यायाम (केगेल व्यायाम): मूत्राशय की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पेल्विक फ्लोर व्यायाम करें. यह प्रोस्टेट से संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है.
  • तनाव को कम करना: तनाव भी मूत्र संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है. तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान, या हल्की स्ट्रेचिंग जैसी विश्राम तकनीकों का पालन करें.
  • गतिहीन जीवनशैली से बचें: लंबे समय तक बैठने से प्रोस्टेट में जलन हो सकती है. नियमित रूप से चलने या हल्के व्यायाम करने की कोशिश करें.
  • मूत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें: यदि आपको बार-बार पेशाब आने, दर्द या पेशाब में खून आने जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत मूत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें. प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) रक्त परीक्षण करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
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