विश्व भर में आज मनाया जा रहा पर्पल डे, जानें क्या है इसके मायने

26 मार्च को विश्व भर में पर्पल डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे पीड़ित लोगों की सहायता करना है. यह समस्या भारत में कई हजार लोगों को है.

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Courtesy: Social Media

Purple Day 2025: पर्पल डे हर साल विश्व भर में 26 मार्च को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे पीड़ित लोगों की सहायता करना है. यह एक ऐसी स्थिति है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. आज इस खास दिन पर जानते हैं इस दिन के महत्व और इस समस्या के बारे में.

सबसे पहले इसके बारे में जागरूक होना जरूरी है. ताकी हम दूसरों की भी मदद कर पाएं. यह समस्या अचानक आती है, जिसके कारण कुछ देर के लिए प्रभावित लोग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

क्या होता है मिर्गी? 

मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. इस समस्या में अचानक किसी को भी दौरा पड़ने लगता है, जिसके कारण आसपास के लोग इसे गलत तरीके से देखते हैं. दौरे तब आते हैं जब मस्तिष्क में अचानक विद्युत गतिविधि बढ़ जाती है. पूरे शरी में ऐठन होने लगता है और इंसान अपने शरीर पर अपना नियंत्रण खो देता है. मिर्गी विभिन्न कारण से शुरू हो सकती है, जिसमें आनुवंशिकी, मस्तिष्क की चोट, संक्रमण या अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं. हालांकि इस स्थिति के बारे में गलत धारणाएं हैं जो अक्सर प्रभावित लोगों के लिए गलतफहमी और अलगाव का कारण बनता है.

क्या है विशेषज्ञों की राय?

इस मामले पर विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग 70% मिर्गी के मामलों को एंटी-सीजर दवाओं से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है. जिन लोगों पर दवा का असर नहीं होता उनके लिए आहार चिकित्सा, न्यूरोमॉड्यूलेशन डिवाइस और यहां तक ​​कि सर्जरी जैसे वैकल्पिक उपचार बेहतर दौरे नियंत्रण और जीवन की बेहतर गुणवत्ता की उम्मीद देते हैं. हालांकि कई रोगी कलंक के कारण दवा लेना बंद कर देते हैं. जिससे उनके गंभीर दौरे का जोखिम बढ़ जाता है. समाज में बहुत से लोग इसे गलत तरीके से देखते हैं, हालांकि यह मस्तिष्क के एक ऐसी अवस्था है जो किसी को भी हो सकता है. 

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