खांसी, जुकाम या फ्लू जैसे लक्षण होने पर छोटे बच्चों (0 से 5 साल) को अक्सर एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. हालांकि, क्या यह सही है? क्या फ्लू या खांसी-जुकाम होने पर बच्चों को एंटीबायोटिक देने से उन्हें राहत मिलती है या इसके कुछ दुष्प्रभाव होते हैं? चलिए, इस बारे में दिल्ली के एम्स अस्पताल के डॉक्टर से जानते हैं.
दिल्ली एम्स के पीडियाट्रिक विभाग में रेजिडेंट डॉक्टर राकेश कुमार बताते हैं कि खांसी और जुकाम जैसे लक्षण होने पर एंटीबायोटिक देने का कोई खास लाभ नहीं होता है. वह बताते हैं, "सर्दी और फ्लू वायरस के कारण होते हैं, जबकि एंटीबायोटिक दवाएं केवल बैक्टीरिया से लड़ती हैं." इसका मतलब यह है कि जब बच्चे को सर्दी या फ्लू हो, तो एंटीबायोटिक देने से बीमारी ठीक नहीं होगी और यह दवाएं वायरस पर असर नहीं करतीं. इसके अलावा, एंटीबायोटिक का अनावश्यक उपयोग बच्चों को नुकसान भी पहुंचा सकता है.
डॉ. राकेश कहते हैं कि एंटीबायोटिक का मुख्य काम बैक्टीरिया को खत्म करना होता है, लेकिन यह शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को भी प्रभावित कर सकती है. शरीर के पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं. एंटीबायोटिक देने से यह अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो सकते हैं, जिससे बच्चे को पेट में ऐंठन, मतली और दस्त जैसी समस्याओं का सामना हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक एंटीबायोटिक का गलत उपयोग एंटीबायोटिक रजिस्टेंस का कारण बन सकता है, जिससे दवाएं भविष्य में असरदार नहीं रहेंगी और इलाज में मुश्किलें आ सकती हैं.
बच्चों को खांसी और जुकाम में राहत देने के लिए कुछ साधारण उपाय किए जा सकते हैं:
1. तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं - बच्चों को भरपूर पानी, जूस और सूप दें ताकि शरीर में हाइड्रेशन बनी रहे.
2. ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें - कमरे में नमी बनाए रखने से बच्चे को सांस लेने में आसानी हो सकती है.
3. संक्रमित व्यक्तियों से दूर रखें - बच्चे को ऐसे व्यक्तियों से दूर रखें जो सर्दी-खांसी से पीड़ित हों.
4. नाक की सफाई करें - बच्चों की नाक की सफाई के लिए रुई का इस्तेमाल करें ताकि वे आसानी से सांस ले सकें.
सर्दी, खांसी या फ्लू के लक्षण दिखने पर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है. डॉक्टर राकेश कुमार की सलाह है कि इन लक्षणों के लिए घरेलू उपायों का पालन करना बेहतर होता है, और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लिया जाना चाहिए.