लोगों से बचने की कोशिश और खुद को हमेशा अकेला महसूस करते हैं? समझे क्या है क्रोनिक एम्प्टीनेस

Chronic Emptiness: हमेशा एंप्टीनेस महसूस होना और थकान सा एहसास होना क्रॉनिक एंप्टीनेस के लक्षण हो सकते हैं. यह एक मानसिक स्थिति है जो भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है.  

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Courtesy: Social Media

Chronic Emptiness: जीवन में कई बार लोग सब के साथ होकर भी अकेला महसूस करते हैं. लेकिन ऐसा अगर हमेशा हो रहा है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकता है. हमेशा एंप्टीनेस महसूस होना और थकान सा एहसास होना क्रॉनिक एंप्टीनेस के लक्षण हो सकते हैं. यह एक मानसिक स्थिति है जो भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है.  

इस स्थिति को बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का संकेत भी कहा जाता है. लेकिन सवाल यह है ऐसी स्थिति क्यों होती है और कब होती है? आइए आज हम इस खास तरह की परेशानी के बारे में बात करते हैं. 

क्रॉनिक एंप्टीनेस क्या है?

हर समय जब कोई व्यक्ति खुद को सबसे कटा हुआ महसूस करने लगता है और जीवन में कोई उद्देश्य नहीं खोज पाता है तो इसका मतलब यह है कि उसके जीवन में कोई परेशानी चल रही है. चाहे वो किसी भी तरह की परेशानी हो. ऐसे में लोग क्रॉनिक एंप्टीनेस कहा जाता है. ज़्यादातर मामलों में यह स्थिति बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों में देखी जाती है. ऐसा उन व्यक्तियों में आम तौर पर देखा जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बड़े सदमे से बाहर आया हो. तो उस समय उस व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है.किसी ट्रॉमा से गुज़रना या लंबे समय तक तनाव में रहना भी इसका कारण हो सकता है. ऐसी स्थिति में वो व्यक्ति बहुत ज़्यादा सोचने लगता है. व्यक्ति दूसरों से खुद को दूर करने लगता है. 

दूर करने के उपाय

  • खुद को समझने की कोशश करें. आप थोड़े समझे कि क्या आपको क्या महसूस हो रहा है और फिर उसके बारे में किसी अपने से चर्चा करें. 
  • खुद को अपनी परिस्थितियों के बारे में समझाएं क्योंकि ऐसे समय में कोई भी अपना नहीं लगता है. 
  • घर से बाहर निकले चाहे आप किसी मंदिर में ही जाएं लेकिन आप इस दुनिया को समझने की थोड़ी कोशिश करें.
  • अपना पसंदीदा खाना खाएं और वह सभी काम करें जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हो. 
  • समाज में लोगों से मिलने-घुलने की कोशिश करें और उनको भी समझने की कोशिश करें.
  • खाना और व्यायाम पर जरूर ध्यान दें, क्योंकि अगर आप शारीरिक तौर पर ठीक नहीं रहेंगे तो मानसिक परेशानी बढ़ जाएगी. 
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