Thyroid Issue: शीतलहर ने लोगों की सामान्य दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है. जरा सी लापरवाही भी सर्दी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन रही है. इस मौसम में ये बार-बार सर्दी-जुकाम, गले में सूजन और दर्द, बदन दर्द और आलस्य और थकान के कारण हर समय कुछ करने का मन नहीं करता, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें .
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये थायरॉक्सिन हार्मोन असंतुलन के लक्षण भी हो सकते हैं. शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने का काम सांस की नली के ऊपर मौजूद तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि करती है . ज्यादा ठंड होने पर इस ग्रंथि पर भी शरीर को गर्म रखने का दबाव आता है. ऐसे में हाइपोथायरायड के मरीजों में थायरॉक्सिन हार्मोन का कम उत्पादन होने से शरीर की ठंड से लड़ने की क्षमता कम होने लगती है, इसे कोल्ड इनटॉलेरेंस भी कहते हैं .
इस स्थिति में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है . नतीजतन वजन और खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जिससे दिल को खतरा होता है . इतना ही नहीं बल्कि थायरॉइड की गड़बड़ी के कारण अस्थमा, डिप्रेशन, डायबिटीज और गठिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है . कम उम्र में ही सांस फूलने लगती है और अगर सही समय पर इलाज न कराया जाए तो यह थायरॉइड कैंसर तक का कारण बन सकती है.
दुनिया भर में हुए शोध बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में इस कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या में 3 गुना इजाफा हुआ है. महिलाओं में थायरॉयड कैंसर की दर पुरुषों के मुकाबले करीब चार गुना ज्यादा है. रिसर्च गेट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में इस तरह के कैंसर के मामलों में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है . पब्लिक हेल्थ अपडेट के एक अध्ययन से पता चला है कि दुनियाभर में 20 करोड़ से ज्यादा थायरॉयड के मरीज हैं. अकेले भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी का शिकार है . इसका मतलब है कि देश के हर दसवें व्यक्ति को सर्दियों में खास ख्याल रखने की जरूरत है. ठंड में सिर्फ थायराइड के मरीजों को ही नहीं बल्कि हर किसी को सतर्क रहना चाहिए . क्योंकि एक छोटी सी गलती भी उनकी सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है . तो आइए स्वामी रामदेव से जानें सर्दियों में थायराइड अटैक से कैसे बचें.
अगर आप अपने थायराइड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो रोजाना वर्कआउट जरूर करें. सुबह सेब का सिरका पिएं और रात में हल्दी वाला दूध लें . थोड़ी देर धूप में बैठें. खाने में नारियल तेल का इस्तेमाल करें और 7 घंटे की नींद जरूर लें. अपने आहार में अलसी, नारियल, मुलेठी, मशरूम, हल्दी वाला दूध और दालचीनी शामिल करें. हालांकि, कोशिश करें कि चीनी, सफेद चावल, केक, कुकीज, तैलीय भोजन और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन न करें.