सीरिया के विद्रोही माहौल से सुरक्षित निकलें 75 भारतीय नागरिक, सरकार की मदद से लेबनान के रास्ते हो रही घर वापसी

सीरिया में पूरा विद्रोहल का माहौल है. विद्रोहियों ने अल-असद सरकार को सत्ता से उखार फेंका है. हालांकि इस बीच भारत सरकार ने सीरिया में रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है. भारत सरकार वहां फंसे 75 भारतीयों को घर वापसी कराने में लगी है.

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Courtesy: Social Media

Indian Citizens in Syria:  सीरिया में 13 साल से चल रहे विद्रोह का रविवार को एक बड़ा मोड़ आया. जब विद्रोहियों ने बशर अल-असद की सत्तावादी सरकार को उखाड़ फेंकते हुए राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया. इस घटनाक्रम के बाद पूरे देश में अराजकता का माहौल फैल गया और कई विदेशी नागरिक फंसे रहे. हालांकि भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सीरिया से बाहर निकाल लिया है.

विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्जा करने के दो दिन बाद, भारत सरकार ने मंगलवार को 75 भारतीय नागरिकों को सीरिया से सुरक्षित बाहर निकाला. विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस बारे में जानकारी दी. जिसमें बताया गया कि यह निकासी सीरिया के वर्तमान घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए की गई. इन नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के 44 'ज़ायरीन' शामिल थे, जो सईदा ज़ैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से लेबनान भेजा गया. इसके बाद वे वहां से वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे.

भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस निकासी को दमिश्क और बेरूत में भारत के दूतावासों द्वारा समन्वित किया गया था. मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है और उन नागरिकों से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की है. सीरिया में विद्रोह 2011 से ही जारी था और कई सालों से विभिन्न विद्रोही समूहों ने देश के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा कर लिया था. रविवार को विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनका परिवार देश छोड़कर भाग गए. इस प्रकार 50 सालों तक सीरिया पर शासन करने वाले असद परिवार का साम्राज्य समाप्त हो गया.

अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देशों से निकाला

रूसी मीडिया ने बताया कि बशर अल-असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी. असद के 13 साल के कार्यकाल में सीरिया में गृहयुद्ध, रक्तपात और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ क्रूर कार्रवाई की गई. इन घटनाओं को लेकर भारत ने सोमवार को बयान जारी किया. जिसमें सीरिया में एक शांतिपूर्ण और समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत की गई. भारत सरकार ने पहले भी कई बार विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत ने अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देशों से सुरक्षित निकाला हो. मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह सीरिया में हो रहे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति के अनुसार आगे की कार्रवाई करेगा.

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