Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में वापसी के बाद कई बार भारत द्वारा वसूले जा रहे टैरिफ का मुद्दा पूरी दुनिया के सामने उठाया है. टैरिफ का विरोध जताते हुए अमेरिका की ओर से भारत को चेतावनी भी दी गई थी. हालांकि बाद में भारत की ओर से इस बात मुद्दे का हल ढूंढ़ने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका यात्रआ पर गए थे. हालांकि इसके बाद भी अमेरिका भारत के टैरिफ नियम से खुश नजर नहीं आ रहा है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कनाडा पर एक सवाल का जवाब देते हुए भारत द्वारा लगाए जाने वाले उच्च टैरिफ का संदर्भ दिया.
कैरोलिन लेविट ने कहा कि कनाडा दशकों से संयुक्त राज्य अमेरिका और मेहनतकश अमेरिकियों को लूट रहा है. यदि आप उन टैरिफ की दरों को देखें जो कनाडाई अमेरिकी लोगों और हमारे श्रमिकों पर लगा रहे हैं, तो यह बहुत ही भयानक है. वास्तव में मेरे पास यहां एक आसान चार्ट है जो न केवल कनाडा, बल्कि सभी क्षेत्रों में टैरिफ की दर को दर्शाता है. अगर आप कनाडा को देखें अमेरिकी पनीर और मक्खन पर लगभग 300% टैरिफ लगाया जाता है. वहीं अगर आप भारत को देखें तो अमेरिकी शराब पर 150% टैरिफ वसूले जाते हैं. इसके बाद उन्होंने जापान का नाम लेते हुए कहा कि जापान चावल पर 700% टैरिफ लगा रहा है.
लेविट ने एक चार्ट दिखाया जिसमें भारत, कनाडा और जापान द्वारा लगाए गए टैरिफ दिखाए गए थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पारस्परिकता में विश्वास करते हैं और अब समय आ गया है कि हमारे पास एक ऐसा राष्ट्रपति हो जो वास्तव में अमेरिकी व्यवसायों और श्रमिकों के हितों की परवाह करता हो. उन्होंने ट्रंप के प्लान पर तर्क देते हुए कहा कि वह दिन के अंत में केवल निष्पक्ष और संतुलित व्यापार प्रथाओं की मांग कर रहे है और दुर्भाग्य से कनाडा पिछले कई दशकों से हमारे साथ बिल्कुल भी निष्पक्ष व्यवहार नहीं कर रहा है. हालांकि इसी के साथ उन्होंने बताया कि भारत ने अपने टैरिफ में उल्लेखनीय कमी करने पर सहमति व्यक्त की है.